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शिवपाल के आक्रामक तेवर से विधायकों की धड़कनें बढ़ीं

800x535akhileshs_uncle_shivpal_singhलखनऊ,  समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के आक्रामक तेवर से पार्टी के मौजूदा विधायकों की धड़कनें बढ़ गयी हैं। पिछले दो दिनों के भीतर शिवपाल ने पहले से घोषित सात विधानसभा प्रत्याशियों के टिकट काट दिये हैं। यहां तक कि शिवपाल की गाज से कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद के बेटे भी नहीं बच सके। अजीत प्रसाद को अमेठी की जगदीशपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया था। सपा ने उनके स्थान पर कांग्रेस पार्टी छोड़कर आईं जिला पंचायत सदस्य विमलेश सरोज को प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल द्वारा तिरस्कार झेल चुके सपा नेता जावेद आब्दी को जैसे ही मन्त्री का दर्जा दिया। वैसे ही चाचा शिवपाल भी एक्शन में आ गए और उन्होंने सपा के बाहुबली नेता अतीक अहमद को कानपुर कैन्ट से प्रत्याशी घोषित कर दिया।

अब शिवपाल के इस एक्शन के बाद मौजूदा विधायकों की नींद उड़ गयी है। कब क्या हो जाए इसकी चिंता विधायकों को सताने लगी है। यहां सपा के कई नेता अपनी उम्मीदवारी के लिए पहले से ही मौजूदा विधायकों की नाक में दम किये हुए थे। लेकिन अब शिवपाल यादव के इस एक्शन का असर बाराबंकी जिले में भी देखने को मिल रहा है। अब किसकी तरफ चाचा शिवपाल की नजरें टेढ़ी हो जाए और किस नेता पर उनकी नजरें इनायत हो जाए, इसके कयास चौक-चौराहे पर लगाए जाने लगे हैं। बाराबंकी की सभी छह सीटों पर सत्ताधारी समाजवादी पार्टी का कब्जा है।

सबसे दिलचस्प लड़ाई बाराबंकी की राम नगर विधानसभा सीट पर बनी हुई है। इस सीट से उत्तर प्रदेश के ग्राम विकास मंत्री अरविन्द सिंह गोप मौजूदा विधायक हैं। एक बार फिर वह यहीं से विधानसभा का रास्ता तय करने का सपना देख रहे हैं। मगर उनकी इस राह के सबसे बड़ा रोड़ा बने हुए हैं पूर्व केन्द्रीय मन्त्री और कभी मुलायम सिंह के बाद नम्बर दो के नेता कहे जाने वाले बेनी प्रसाद वर्मा। बेनी प्रसाद वर्मा इस विधानसभा से अपने पुत्र पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा को जीतते देखना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अपने पुत्र को लगातार सक्रिय कर रखा है। अब किस पर शिवपाल मेहरबान होते हैं यह तो समय ही बताएगा। बाराबंकी सदर विधानसभा की अगर बात करें तो यहां से धर्मराज यादव उर्फ सुरेश यादव मौजूदा विधायक हैं मगर उनकी राह में भी रोड़े कम नहीं हैं। यहां से सपा नेता धर्मेन्द्र यादव, पूर्व विधायक श्याम लाल यादव के पुत्र हुकुम सिंह यादव के साथ-साथ इसी विधानसभा से तीन बार के विधायक रहे पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री छोटेलाल यादव अपनों की उम्मीदवारी के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं। अब चाचा किस पर भरोसा जताते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

कमोवेश यही हालत बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा पर है जहां से प्राविधिक शिक्षा मंत्री हाजी फरीद महफूज किदवई की राह में सपा प्रवक्ता केसी जैन सहित लगभग आधा दर्जन सपा नेता उम्मीदवारी की होड़ में शामिल दिखाई दे रहे हैं। दरियाबाद विधानसभा सीट से कृषि राज्यमंत्री राजा राजीव सिंह, हैदरगढ़ सीट से चार बार सांसद रह चुके वरिष्ठ समाजवादी नेता राम सागर रावत के पुत्र राम मगन रावत विधायक हैं। इसी तरह जैदपुर विधानसभा से विधायक राम गोपाल रावत की भी मुश्किलें नए-नए उम्मीदवार बढ़ा रहे हैं। बताते चलें कि समाजवादी पार्टी में मचे घमासान में बाराबंकी के कई नेता चाचा-भतीजे के खेमों में बंटते नजर आये थे। अब जब मास्टर शिवपाल का हंटर चल रहा है तो इस चुनावी रिंग में कौन टिकेगा और कौन बाहर जाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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