Breaking News

हिन्दी में नयी पत्र पत्रिकाओं का पंजीकरण सर्वाधिक

hindiनयी दिल्ली , देश में समाचार पत्र. पत्रिकाओं के प्रकाशन में वर्ष 2015-16 के दौरान 5. 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई और हिन्दी भाषा में सबसे ज्यादा 5423 नयी पत्र पत्रिकाओं का पंजीकरण कराया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में भारतीय समाचारपत्र पंजीयन की वर्ष 2015-16 की रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह सूचना दी गयी है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 31 मार्च तक कुल एक लाख दस हजार 851 पत्र. पत्रिकाएं का पंजीकृत हो चुकी हैं और हिन्दी भाषा हर प्रकाशन दिवस में 31 करोड़ 44 लाख 13 हजार 443 प्रतियों के साथ अव्वल स्थान पर रही। उसके बाद सबसे ज्यादा अंग्रेजी भाषा में छह करोड़ 54 लाख 13 हजार 443 प्रतियां प्रकाशित हुईं। उर्दू भाषा पांच करोड़ 17 लाख 75 हजार छह प्रतियों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इनके बाद मराठी ;दो करोड़ 88 लाख 28 हजार 334द्धए गुजराती;2 करोड़ 76 लाख 45 हजार 134द्धए तेलुगु ;2 करोड़ तीन लाख 12 हजार 592द्धए ओडिया;2 करोड़ 3 लाख 12 हजार 592द्धए तमिल ;93 लाख 39 हजार 782द्धए पंजाबी; 59 लाख 31 हजार 641द्धए असमी ;13 लाख 90 हजार 759द्ध और कश्मीरी;1 लाख 37 हजार 450द्ध का स्थान रहा।
समाचार पत्र वर्ग में 16 हजार 136 और पत्रिका वर्ग में कुल 94 हजार 715 पंजीकरण हुए। हिन्दी भाषा में सबसे ज्यादा 44 हजार 577 पंजीकरण कराए गए। दूसरे स्थान पर अंग्रेजी भाषा रहीए जिसमें 14 हजार 83 पंजीकरण हुए। राज्यों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 16 हजार 984 पंजीकरण हुए। उसके बाद महाराष्ट्र का स्थान रहाए जहां से 15 हजार 260 पंजीकरण कराए गए।
रिपोर्ट के अनुसार बंगला भाषा में प्रकाशित आनन्द बाजार की प्रसार संख्या सबसे ज्यादा रही। उसका प्रतिदिन प्रसार संख्या 11 लाख 50 हजार 38 रही। उसके बाद अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हिन्दुस्तान टाइम्स ;9 लाख 92 हजार 239द्ध और हिन्दी भाषा में पंजाब केसरीए जलंधर ;7 लाख 36 हजार 399द्ध का स्थान रहा। 45 संस्करण प्रकाशित वाला हिन्दी का दैनिक भास्कर बहुसंस्करणीय समाचारपत्रों में 46 लाख 14 हजार 939 के साथ सबसे अधिक प्रसार संख्या वाला समाचारपत्र रहा। इस वर्ग में 33 संस्करणों में अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने वाला टाइम्स ऑफ इंडिया को 44 लाख 21 हजार 374 प्रसार संख्या के साथ दूसरा स्थान हासिल हुआ है।
मलायलम भाषा में प्रकाशित पत्रिका वनिता सबसे ज्यादा प्रसार संख्या;6 लाख 94 हजार 291द्ध के साथ पत्रिकाओं में पहले स्थान पर रही। रिपोर्ट के अनुसार आरएनआई को शीर्षक के पंजीकरण के लिए 20 हजार 999 आवेदन पत्र हुए और उसने इनमें से 12 हजार 817 के लिए शीर्षक का अनुमोदन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *