नई दिल्ली,जिनकी किडनी खराब हो चुकी है. ऐसे मरीजों को अब हर दूसरे दिन हीमाे-डायलिसिस के लिए सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केंद्र सरकार ऐसे मरीजों के लिए घर पर डायलिसिस की व्यवस्था करने जा रही है. चुनाव खत्म होते ही राज्य इस योजना को लागू कर सकेंगे.
इसके लिए हीमो-डायलिसिस की जगह पेरिटोनियल डायलिसिस की जाएगी. इसके तहत मरीजों को एक पेरिटोनियल किट दी जाएगी और कुछ दवाएं दी जाएगी जिसके बाद वो घर बैठे ही डायलिसिस कर पाएंगे. ये सेवाएं अगले 2 से 3 माह में शुरू की जा सकती हैं. आर्थिक रूप कमजोर वर्ग के मरीजों को किट और दवा मुफ्त मिलेगी. दूसरे मरीजों के लिए रियासती दरों पर सरकार की तरफ ये सुविधा मुहैया कराई जाएगी. प्रधानमंत्री डायलिसिस प्रोग्राम के तहत ही इस योजना का विस्तार किया जा रहा है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले 2 से 3 महीने में इसकी शुरुआत की जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक, देश में हर साल सवा दो लाख से अधिक ऐसे मरीज हैं जिनका डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. यही वजह है कि दो साल पहले सरकार ने प्रधानमंत्री डायलिसिस प्रोग्राम की शुरुआत की थी जिसके देश भर में अब तक757 डायलिसिस सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं. राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों में ये योजना लागू होगी.
इस प्रक्रिया में मरीज के पेट में कैथेटर ट्यूब फिक्स कर बाहर निकाली जाती है. ट्यूब से पेरिटोनियम डायलिसिस फ्लूड डाला जाता है. इसकी मात्रा दो लीटर होती है. यह शरीर के अंदर 30 से 40 मिनट रहता है. पेट में लगे ट्यूब से एक और कैथेटर जोड़ा जाता है, इसी ट्यूब के सहारे खून के अपशिष्ट पदार्थ बाहर आ जाते हैं. ये सुविधा नेफ्रोलॉजिस्ट या फिजिशियन की सलाह पर मिलेगी.