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कृषि को बढ़ावा देने वाले दो अध्‍यादेश जारी

नयी दिल्ली, केन्द्र सरकार ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधारों को लेकर दो अध्यादेश जारी किये हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सुविधा) अध्‍यादेश 2020 और मूल्‍य आश्‍वासन पर किसान समझौता (अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा) और कृषि सेवा अध्‍यादेश 2020 के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी ।

सरकार किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विपणन में दक्षता प्रदान करने के लिए व्यापक हस्तक्षेप कर रही है। केन्द्र ने कृषि उपज के विपणन के समग्र विकास को रोकने वाली अड़चनों को पहचानकर मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (एपीएलएम) कानून 2017 और मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन संविदा कानून, 2018 का मसौदा तैयार किया और उसे प्रचारित किया है जिन्हें राज्यों को लागू करना है ।

कोविड-19 संकट के दौरान जब कृषि और उससे संबद्ध गतिविधियों की पूरी पारिस्थितिकी प्रणाली की जांच की गई, तो इसमें इस बात की एक बार फिर पुष्टि हुई कि केन्‍द्र सरकार की सुधार प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए और इसमें एक राष्‍ट्रीय कानूनी सुविधाजनक प्रणाली होनी चाहिए ताकि राज्‍य के भीतर और दो राज्‍यों के बीच कृषि उपज के व्‍यापार में सुधार हो सके।

केन्द्र सरकार ने इस बात को मान्‍यता दी कि किसान बेहतर मूल्‍य पर अपनी फसल को अपनी पसंद के स्थान पर बेच सकता है जिससे संभावित खरीदारों की संख्‍या में बढ़ोतरी होगी। खेती के समझौतों के लिए एक सुविधाजनक ढांचा भी आवश्यक माना गया। अत: दो अध्यादेशों को लागू कर दिया गया।

कृषि उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सुविधा) अध्‍यादेश 2020 एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा जहां किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित पसंद की स्वतंत्रता मिलती है जो प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार प्रणाली के माध्यम से पारिश्रमिक मूल्‍यों की सुविधा देता है। यह विभिन्न राज्य कृषि उपज बाजार कानूनों के तहत अधिसूचित वास्‍तविक बाजार परिसरों या जिनको बाजार बनाया जाएगा, उनके बाहर किसानों की उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधा रहित अंतर-राज्यीय और राज्‍य के भीतर व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ावा देगा।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अध्यादेशों की जानकारी दी और सुधारों के कार्यान्वयन में उनके सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने नए सुधार वाले वातावरण में कृषि क्षेत्र के विकास एवं वृद्धि में उनके निरंतर समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया।