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कोरोना के मद्देनजर यूपी में शिक्षण संस्थान 23 जनवरी तक बंद

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शिक्षण संस्थानों को अब 23 जनवरी तक बंद रखने का फैसला किया गया है।

राज्य में पिछले 24 घंटों में 17 हजार 185 नए मामले सामने आये है जबकि इस अवधि में 8802 लोग स्वस्थ भी हुये। राज्य में फिलहाल एक लाख तीन हजार 474 मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने रविवार काे टीम-09 के साथ राज्य में वैश्विक महामारी की समीक्षा की और कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों (स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षण संस्थान आदि) में 23 जनवरी तक भौतिक रूप से पठन-पाठन स्थगित रखा जाए। केवल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई हो। सभी जिलों में रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रात्रिकालीन कर्फ्यू को सख्ती से लागू किया जाए।

उन्होने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति से प्रदेश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है। बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। यह संक्रमण कम तीव्रता वाला है। इसके लक्षण दिखने पर सामान्य मरीज होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक की सलाह से अपना इलाज कर सकता है। यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है। इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं।

इस बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में कोविड टीके की 22 करोड़ 89 लाख डोज लगाई जा चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। 30 जिलों में 95 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीके की पहली डोज मिल चुकी है, जबकि गौतमबुद्ध नगर सहित 05 जिलों की पूरी वयस्क आबादी टीके की पहली डोज की सुरक्षा प्राप्त कर चुकी है। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 93.21 फीसदी लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 58.28 प्रतिशत से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। शनिवार तक 15 से 18 आयु वर्ग के करीब 37 फीसदी किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और तीन लाख 87 हजार पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है।