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तीन मिशन में सिमटी महिला एवं बाल कल्याण योजनायें

नयी दिल्ली,  केंद्र सरकार ने महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित सभी योजनाओं को मिशन पोषण, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति के अंतर्गत समेट दिया है जिससे इनके क्रियान्वयन में तेजी आयेगी और दोहराव रोका जा सकेगा।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि महिला और बाल कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के उद्देश्य से मिशन पोषण, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति के अंतर्गत श्रेणीबद्ध किया गया है।
नयी श्रेणियों में पोषण मिशन में आईसीडीएस-आंगनवाडी सेवाएं ,पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजनाएं, राष्ट्रीय और शिशुगृह (क्रेच) योजना को शामिल किया गया है। इसके लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 20,105 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। वात्सल्य मिशन में बाल संरक्षण सेवाएं और बाल कल्याण योजनाएं जोड़ी गयी हैं और इसके लिए

900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। शक्ति मिशन महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए है और इसमें संबल-एक ठहराव केंद्र, महिला पुलिस स्वयंसेवक, महिला हेल्पलाइन, स्वाधार, उज्ज्वला, विधवा आश्रय स्थल आदि तथा सामर्थ्य – बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, क्रेच, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, लैंगिक बजट बनाना और शोध को शामिल किया गया है। इसके लिए 3,109 करोड़ रुपए रखे गये हैं। इन मिशनों को राष्टीय स्तर से पंचायत स्तर तक एक समान जानकारी सहित प्रशासनिक आधार के समावेशन के साथ चलाया जाएगा। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश की जनसंख्या में लगभग 67.7 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।