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संविधान पीठ के फैसले के बावजूद, दिल्ली मे ठप्प है सारा काम काज

नयी दिल्ली ,  दिल्ली सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासन के संबंध में संविधान पीठ के फैसले के बावजूद उसका कामकाज बिल्कुल ठप्प पड़ा हुआ है और वह अधिकारियों के तबादले या नियुक्ति के आदेश भी नहीं दे सकती।

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न्यायमूर्ति ए . के . सीकरी और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि न्यायालय को स्थिति का ज्ञान है और चूंकि वह नियमित पीठ नहीं है , वह 26 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासन को लेकर विस्तृत दिशा – निर्देश तय किये थे।

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दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी . चिदंबरम ने कहा , सरकार का कामकाज पूरी तरह ठप्प है। संविधान पीठ के फैसले और उसमें सभी पहलुओं पर स्पष्टीकरण के बावजूद हम अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर सकते , उनका तबादला नहीं कर सकते। इन मुद्दों को जल्दी सुलझाने की जरूरत है।

दिल्ली सरकार की ओर से ही पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि अधिकारी इस संबंध में हलफनामा दायर करने के इच्छुक नहीं थे , इसलिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हलफनामा दायर किया है। जयसिंह ने कहा , ‘‘ मैं सिर्फ मामला स्पष्ट करना चाहती थी। ’’

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