2000 रुपये के नोट से बढ़ेगा कालाधन,प्रधानमंत्री का अवैध कदम- कांग्रेस

2000-noteनई दिल्ली, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2000 रुपये के नोट जारी करते समय कानून का पालन नहीं करने का सोमवार को आरोप लगाया और इस मामले को संसद के भीतर एवं बाहर उठाने का संकल्प लिया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने देश को वित्तीय अराजकता की स्थिति में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोटों को लाना एक अवैध कृत्य है क्योंकि नए नोट छापने के लिए आरबीआई अधिनियम के तहत जो अधिसूचना जारी करना आवश्यक होता है, वह जारी नहीं की गई और कानून के तहत अनिवार्य बात को नजरअंदाज किया गया। शर्मा ने नोट बदलवाने वालों की उंगलियों पर अमिट स्याही लगाए जाने के सरकार के कदम की भी आलोचना की। कांग्रेस ने कहा कि एकजुट विपक्ष इस मामले को जन आंदोलन का विषय बनाने के अलावा संसद में जोरदार तरीके से उठाएगा।

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जानबूझकर अहम मामलों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं और राष्ट्रवाद की आड़ में कालेधन के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले का ढोंग करके गरीब लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और इस कदम को सही बताते के उनके तर्कों का समर्थन कर रहे लोग संविधान और कानून के मामले में अनपढ़ हैं। शर्मा ने कहा कि देश को वित्तीय अराजकता की स्थिति में डालने के लिए पूरी तरह से प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। संविधान के अनुच्छेद 360 के प्रावधानों को लागू किए बिना ही देश में अघोषित वित्तीय आपातकाल लग गया है। उन्होंने कहा कि नोटों का चलन बंद करने के संबंध में प्रधानमंत्री ने आठ नवंबर को जो सनसनीखेज और नाटकीय घोषणा की थी उसका कोई कानूनी आधार नहीं है क्योंकि मौद्रिक नीति भारतीय रिजर्व बैंक का क्षेत्राधिकार है। शर्मा ने कहा कि 2000 रुपये के नोट जारी करना एक अवैध कदम है क्योंकि आरबीआई अधिनियम के तहत कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी और कोई नया नोट लाने से पहले इस प्रकार की अधिसूचना जारी करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के इन अवैध नए नोटों का चलन काले धन के प्रसार को नियंत्रित करने के सरकार के कदम के विपरीत है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर कई बार कानून एवं संविधान का उल्लंघन करने और भ्रामक बयान देने का आरोप लगाया। शर्मा ने नोट बदलवाने वाले आम लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाने के सरकार के कदम पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि तानाशाहों ने भी वह काम नहीं किया जो इस सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि केवल नाजी लोगों पर निशान लगाते थे। धन निकालने के कारण हमारे नागरिकों एवं विदेशी मेहमानों पर निशान लगाए जा रहे हंै। यह चिंता एवं शर्म की बात है। अतुल्य भारत रात भर में अमिट स्याही वाले भारत में बदल गया। शर्मा ने कहा कि 500 एवं 1000 रुपये के पुराने नोटों की जगह लेने वाले नए नोट अभी तैयार नहीं है और इस कमी के कारण लोगों को असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों, खासकर गरीबों, किसानों और असंगिठत क्षेत्र एवं खेतों में मजदूरी करने वाले कुल 33 करोड़ भारतीय कार्यबल को बहुत परेशानी हो रही है।

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