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जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए की जाय कार्रवाई: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जिलों में जलजनित रोगों की रोकथाम के लिये आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन जिलों में रोगों की रोकथाम के लिए औषधियों का पर्याप्त स्टॉक रखा जाय।

राहत आयुक्त संजय गोयल ने गुरूवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रदूषित जलजनित व वेक्टर (मक्खी, मच्छर) जनित रोगों की रोकथाम के लिये आवश्यक कार्रवाई के साथ-साथ इन रोगों के उपचार के लिये समुचित औषधियों का पर्याप्त स्टाॅक रखने के निर्देश दिये गये है।

उन्होंने कहा कि श्री योगी ने पशुओं के आहार के लिये पर्याप्त चारा, भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तटबंध की निरन्तर पेट्रोलिंग करने के साथ-साथ बांधों में कटान की स्थिति पर सतत् निगरानी रखने के भी निर्देश दिये है।

श्री गोयल ने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एन0डी0आर0एफ0 की 15 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की सात टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 627 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है।

उन्होंने बताया कि बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

श्री गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं दो नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है।

उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 61,892 खाद्यान्न किट व 1,86,164 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 265 मेडिकल टीम लगायी गयी है।

श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 303 बाढ़ शरणालय तथा 735 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 642 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 255 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,32,965 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 1959 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।

उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नंम्बर 1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।