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योगी सरकार ने किया ये बड़ा दावा

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का दावा है कि उसने पिछले कई वर्षों से लंबित 11 बड़ी परियोजनाओं को पूरा कराया है जिससे प्रदेश में सिंचाई करने की क्षमता में काफी इजाफा हुआ है।

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सिंचाई के लिए यूपी में नहरों का जाल बिछा हुआ है। कुछ क्षेत्रों में सिंचाई पूरी तौर पर नहरों पर निर्भर करती है। योगी सरकार प्रदेश में मौजूद सभी नहरों में पानी पहुंचाने के लिए तेजी से अग्रसर है। इसके साथ ही लंबित सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने पर राज्‍य सरकार काम कर रही है। साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के इस संकल्‍प को पूरा करने में सिंचाई विभाग अहम भूमिका निभा रहा है।

उन्होने बताया कि सिंचाई विभाग ने प्राथमिकता के आधार पर पिछले साल 47 हजार किलोमीटर से ज्‍यादा लंबाई की नहरों की सिल्‍ट को साफ कराया है जिसके तहत नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने में मदद मिली है। रायबरेली और बाराबंकी के कुछ क्षेत्रों में पिछले 40 सालों से नहरों में पानी नहीं पहुंचा था। पहली बार इन नहरों में पानी पहुंचा है। जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्‍द्र सिंह ने सिल्‍ट की सफाई अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। बाराबंकी में 15 अक्‍टूबर से नहर की सफाई का अभियान शुरू किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि नहरों की सफाई का वृहद अभियान 15 नवंबर तक चलेगा जिसकी कार्ययोजना को तैयार कर लिया गया है। इस काम के लिए नोडल अधिकारियों की टीम को गठित कर दिया गया है। सभी संबधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि नहर सफाई के दौरान अपने क्षेत्र की नहरों पर रहें और निर्धारित समय से सिल्‍ट की सफाई कराएं।

उन्होने बताया कि सिंचाई व जल संसाधन विभाग ने नहरों से निकाली गई मिट्टी को पारदर्शी ढ़ग से नीलामी करने के लिए और राजस्‍व को सरकारी खाते में जमा करने के लिए डीएम की अध्‍यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। सफाई कार्य में जनसहभागिता के लिए जन प्रतिनिधि‍यों और ग्राम प्रधानों को भी इस सफाई अभियान से जोड़ा गया है। इसके साथ ही नहरों पर बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस साल भी 47 हजार से अधिक किलोमीटर लंबाई में नहरों की सफाई कराए जाने का संकल्‍प है।