यूपी में धर्मांतरण के रैकेट का भंडाफोड़, छह राज्यों से दस गिरफ्तार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस ने अवैध धर्मांतरण के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुये देश के छह राज्यों से दस लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छह राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी छद्म नाम से गैर मुस्लिम युवतियों से दोस्ती कर उन्हे प्रेमजाल में फंसाते थे और बाद में उन्हे इस्लाम अपनाने पर मजबूर किया जाता था।

उन्होने बताया कि पूरे मामले की शुरुआती जांच में इस गिरोह का संबंध पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से होने के संकेत मिले हैं। इस घटना के संबंध में बंगाल, गोवा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 11 टीमों को लगाया गया था जिन्होने आयशा (एसबी कृष्णा) गोवा, अली हसन (शेखर राय) कोलकाता, ओसामा-कोलकाता, रहमान कुरैशी-आगरा, अब्बू तालिब-खालापार, मुजफ्फरनगर,अबुर रहमान-देहरादून, मोहम्मद अली – जयपुर,राजस्थान, जुनैद कुरैशी-जयपुर, मुस्तफा (मनोज)-दिल्ली, मोहम्मद अली-जयपुर को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आगरा पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में उत्तर प्रदेश की विशेष एजेंसी एटीएस और एसटीएफ भी शामिल थी। अब इस मामले की आगे की जांच के लिए अन्य राज्यों की पुलिस तथा केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।

उन्होने बताया कि आगरा जिले में पिछली मार्च में दो सगी बहनों जिनकी उम्र 33 वर्ष और 18 वर्ष की थी गुमशुदगी का मामला उनके परिवार में दर्ज कराया था। जिसमें धारा 87, 111(3), 111(4) और 3/5 उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सा परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना की जांच के दौरान सदर बाजार पुलिस और साइबर पुलिस को रेडिकलाइजेशन लव जिहाद में शामिल लोगों के बारे में पता चला, जिनकी फंडिंग कनाडा और अमेरिका से हो रही थी।

आगरा पुलिस ने इसकी जानकारी डीजीपी मुख्यालय और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था को दी, जिसके बाद इस पूरे मामले की गहनता से जांच शुरू हुई । पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने बताया कि इस नेटवर्क में लव जिहाद का उपयोग कर तथा विदेश से प्राप्त धन से धन परिवर्तन व रेडिकलाइजेशन के सबूत मिले हैं। गिरफ्तार अभियुक्त पूरे नेटवर्क में अलग-अलग रोल निभाते थे। जैसे फंड प्राप्त करना, फंड को चैनेलाइज करना, सेफ हाउस बनाना, लीगल एडवाइस देना, नए फोन व सिम प्रदान करना, प्रेम जाल में फसना, धर्म परिवर्तन के लिए सब्जबाग दिखाकर प्रेरित करना, धर्म परिवर्तन के लिए कागज तैयार करना व रेडीकलाइजेशन करना आदि शामिल है।

गौरतलब है कि पुलिस ने एक नया मिशन अस्मिता लॉन्च किया था। इसके तहत पूर्व में अवैध धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट के दो लोगों गौतम और मुफ्ती जहांगीर आलम को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। अभी हाल ही में बलरामपुर के उतरौला में धर्म परिवर्तन करने वाले जमालुद्दीन उर्फ ठाकुर के सिंडिकेट को एटीएस और एसटीएफ ने पर्दाफाश किया था।

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