ZeeIndiaConclave कार्यक्रम में, न्यूज चैनल के संपादक ने उनसे ये सवाल पूछा कि यदि 2019 में सपा-बसपा एक साथ आ जाएं तो बीजेपी को 50 सीटों का नुकसान हो सकता है. ऐसे में आप क्या तीसरे मोर्चे की संकल्पना को देख रहे हैं? क्या उसकी अगुआई के लिए तैयार हैं? इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि वह इतने ऊंचे सपने नहीं देखते. वह फिलहाल यूपी की सियासत में ही मशरूफ हैं. इससे ज्यादा कुछ नहीं सोच रहे हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि हम उत्तरप्रदेश की राजनीति में ज्यादा रूचि ले रहे हैं, देश की नहीं. यूपी उपचुनाव की बात करें तो हमारी पार्टी पिछले काफी समय से जमीनी स्तर पर काम कर रही थी. जनता ने समाजवादियों की मदद की, क्योंकि हमने उन्हें मदद की थी. अखिलेश ने कहा कि, मैंने मायावती जी को बुआ की तरह सम्मान दिया. हम चाहते हैं कि रिश्ते बने रहें.
अखिलेश यादव के इस बयान से यह चर्चा जोरों पर आ गयी है कि सपा – बसपा गठबंधन के अंतर्गत अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती के बीच कहीं यह फार्मूला तय हो चुका है कि कौन यूपी की राजनीति करेगा और कौन केंद्र की। बयान से स्पष्ट है कि अखिलेश यादव यूपी की राजनीति करेंगे तो इसका अर्थ है कि मायावती का पोकस केंद्र की राजनीति पर होगा और हो सकता है कि तीसरे मोर्चे की अगुआई मायावती करें.
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में बीजेपी की हार पर बोलते हुए सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि इन दोनों जगहों से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हारे हैं. ऐसे में सपा की जीत में हमारा कोई योगदान नहीं है, खुद बीजेपी अपने कारनामों की वजह से हारी है. उन्होंने यह भी कहा कि बसपा का महत्वपूर्ण सहयोग इस जीत में जरूर रहा. उन्होंने कहा कि बीजेपी को तो पकौड़ा पॉलिटिक्स ने हराया है.
चैनल उनसे ये पूछा कि जब 2017 में आप सत्ता से बाहर हुए थे तो कई लोगों ने आपके सियासत में हाशिए पर जाने की बात कही थी. अखिलेश यादव ने कहा कि ‘हमारे लिए राजनीति में उतार-चढ़ाव नए नहीं हैं. 2012 से 17 तक हमको काफी काम करने का मौका मिला. 17 में किन्हीं कारणों से हम सत्ता में नहीं लौट पाए. जिस तरह की राजनीति को बीजेपी ने चुना, उसकी वजह से समाजवादी लोग हारे और हमारी सरकार नहीं बन पाई.
उपचुनाव में जीत पर किसने- किसने दी अखिलेश यादव को बधाई
दोनों दलों के गठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि कभी-कभी दूसरों से भी सीखना चाहिए. हमने तो बीजेपी से भी सीखा. बीजेपी ने धर्म के आधार पर सबसे ज्यादा राजनीति की है. हम समाजवादी लोग कभी विकास का रास्ता भूलने वाले नहीं हैं. अगर बीजेपी एथिक्स की बात करे तो बेहद अच्छी बात है. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी हमें एथिक्स न सिखाए. बीजेपी को पकौड़ा राजनीति ने हरा दिया. हमने चाय पर नहीं सच्चाई पर बात कर दी, इसलिए हम जीत गए. अब तो मन करता है कि अगर हम कहीं से निकले और पता चल जाए कि सामने खड़ा शख्स भाजपाई है तो हम तो तुरंत उसके सामने लाल टोपी पहन लें.
अमित शाह के बेटे जयशाह का मानहानि मामला, पत्रकार को अंतरिम राहत