अखिलेश यादव ने क्यों कहा-देश नया प्रधानमंत्री चाहता है…?
July 18, 2018
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि देश नया प्रधानमंत्री चाहता है। अखिलेश यादव ने इसके पर्याप्त कारण भी बताये।
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव का अंतिम वर्ष चल रहा है। देश नया प्रधानमंत्री चाहता है। उन्होने इसके कारण बताते हुये कहा कि एक बड़ी लड़ाई सामने है। आजादी के मूल्यों को कायम रखना है। लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देना है। उन्होने कहा कि भाजपा राज में युवाओं की बेरोजगारी बढ़ी है। उनका भविष्य अंधेरे में है। किसानों की दुर्दशा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर भी उन्हें धोखा दिया गया है। कर्ज से दबे किसान के समक्ष आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि महिलाओं -बच्चियों का जीवन असुरक्षित है और कानून व्यवस्था ध्वस्त है। भाजपा सरकार के पास शिलान्यास का शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करना ही बस एक काम रह गया है। ऐसे में भाजपा के कुत्सित इरादों से सावधान रहना होगा क्योंकि भाजपा षडयंत्रकारी पार्टी है। वह इन दिनों खिसियाई हुई है क्योंकि जनता में यह सच्चाई उजागर है कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने कोई काम नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि आबादी के आधार पर सम्मान मिलना चाहिए। जनगणना करके आबादी के आंकलन के साथ उनकी भागीदारी तय हो सकती है। इससे किसी को नाराजगी नहीं होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी पदाधिकारी और नौजवान अभी से अपने जनपद और क्षेत्रों में जनसंपर्क में तेजी लाएं। जिनको मदद की जरूरत हो उनकी मदद करनी चाहिए। अपना आचरण ठीक रखें।
अखिलेश यादव ने कहा कि बड़ा काम करने के लिए बड़ी समझ की जरूरत है। छोटी समझ रखने वाले बड़ा काम नहीं कर सकते हैं। हमें बड़ी सोच रखनी है। यह भी समाजवादी सरकार की जीत है कि समाजवादी सरकार के विकास कार्य का उद्घाटन/शिलान्यास प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जा रहा है चूंकि भाजपा सरकार के पास अपना कोई काम नहीं जिसका वह उद्घाटन कर सके।
अखिलेश यादव कल दो दिन के लिए मध्य प्रदेश की यात्रा पर जाने से पूर्व आज लखनऊ में कार्यकर्ताओं और अन्य नेताओं से भेंट कर रह थे। उनसे पीलीभीत के सिख प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट कर उन्हें स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति और सरोपा भेंट किया। प्रतिनिधिमण्डल में सरदार परमजीत सिंह, सरदार संतोष सिंह, सरदार गुरमेल सिंह तथा श्री अमोलक सिंह शामिल थे।