अन्ना हजारे को नजर आयी ‘उम्मीद की किरण’, अपना प्रस्तावित अनशन टाला
October 3, 2018
रालेगन सिद्धी (महाराष्ट्र), सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना प्रस्तावित अनशन यह कह कर टाल दिया कि उन्हे ‘उम्मीद की किरण’ नजर आयी है। अन्ना हजारे ने अपने प्रस्तावित अनशन को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। हजारे लोकपाल आंदोलन का चेहरा थे और वर्ष 2011 में उन्होंने 12 दिन का अनशन किया था। अनशन को देश भर से समर्थन मिला। तत्कालीन संप्रग सरकार ने बाद में लोकपाल विधेयक पारित किया था।
अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर अपना प्रस्तावित अनशन मंगलवार को यह कह कर टाल दिया कि सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं जिनसे ‘उम्मीद की किरण’ नजर आती है। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन अहमदनगर जिले के रालेगन सिद्धी गांव में हजारे से मिले। इसके बाद हजारे ने अपने फैसले का ऐलान किया।
मंत्री गिरीश महाजन ने केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से हजारे से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने हजारे की मांगों पर चर्चा की और मुख्य मांगों को पूरा किया है। उन्होंने उनसे अपना प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया । महाजन ने मुख्यंत्री देंवेद्र फड़नवीस का एक पत्र भी हजारे को दिया और दो घंटे चली बैठक में उनकी मांगों पर चर्चा की।महाजन ने कहा कि केंद्र ने लोकपाल की नियुक्त की प्रक्रिया शुरू की है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ एक खोज समिति लोकपाल की नियुक्त के लिए काम कर रही है। उम्मीद करते हैं कि देश के पास जल्द ही भ्रष्टचार पर लगाम लगाने के लिए केंद्र स्तर पर लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त होंगे।’’ महाजन ने पत्रकारों से कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए कदम उठा रही है। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि सरकार हजारे की मांग के अनुरूप अटल पेंशन योजना में बदलाव करने को तैयार है।
अन्ना हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कुछ चीजें सकारात्मक दिशा में जाती दिख रही हैं। सरकार ने लोकपाल, लोकायुक्त (की नियुक्ति) की दिशा में कदम उठाए हैं और किसानों की उपज की लागत का डेढ़ गुना कीमत देने का ऐलान किया है… हमें उम्मीद की किरण दिखती है। इसलिए, मैंने अपना विरोध (अभी) टालने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि ‘उम्मीद की किरण’ के बावजूद कुछ मुद्दे अनसुलझे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हजारे को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र की सामग्री के बारे में जानकारी नहीं है। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता, 81 वर्षीय हजारे ने आगाह किया कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह महात्मा गांधी की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी से अपना विरोध शुरू करेंगे। हजारे ने कहा,‘‘ आज गांधी जी की जयंती है और 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि है। अगर मुद्दे अनसुलझे रहते हैं तो मैं गांधी जी की पुण्यतिथि पर अपना विरोध शुरू करूंगा… और यह राष्ट्रव्यापी होगा।’’
लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के अलावा, हजारे ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को संवैधानिक दर्जा देने की भी मांग की है। उन्होंने सीएसीपी को स्वायत्त निकाय बनाने की भी पैरवी की है। हजारे डेयरी किसानों के लिए उचित मूल्य की मांग करने के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी लागू करने की मांग कर रहे हैं।
रालेगन सिद्धी (महाराष्ट्र), सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना प्रस्तावित अनशन यह कह कर टाल दिया कि उन्हे ‘उम्मीद की किरण’ नजर आयी है। अन्ना हजारे ने अपने प्रस्तावित अनशन को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। हजारे लोकपाल आंदोलन का चेहरा थे और वर्ष 2011 में उन्होंने 12 दिन का अनशन किया था। अनशन को देश भर से समर्थन मिला। तत्कालीन संप्रग सरकार ने बाद में लोकपाल विधेयक पारित किया था।
अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर अपना प्रस्तावित अनशन मंगलवार को यह कह कर टाल दिया कि सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं जिनसे ‘उम्मीद की किरण’ नजर आती है। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन अहमदनगर जिले के रालेगन सिद्धी गांव में हजारे से मिले। इसके बाद हजारे ने अपने फैसले का ऐलान किया।
मंत्री गिरीश महाजन ने केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से हजारे से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने हजारे की मांगों पर चर्चा की और मुख्य मांगों को पूरा किया है। उन्होंने उनसे अपना प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया । महाजन ने मुख्यंत्री देंवेद्र फड़नवीस का एक पत्र भी हजारे को दिया और दो घंटे चली बैठक में उनकी मांगों पर चर्चा की।महाजन ने कहा कि केंद्र ने लोकपाल की नियुक्त की प्रक्रिया शुरू की है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ एक खोज समिति लोकपाल की नियुक्त के लिए काम कर रही है। उम्मीद करते हैं कि देश के पास जल्द ही भ्रष्टचार पर लगाम लगाने के लिए केंद्र स्तर पर लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त होंगे।’’ महाजन ने पत्रकारों से कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए कदम उठा रही है। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि सरकार हजारे की मांग के अनुरूप अटल पेंशन योजना में बदलाव करने को तैयार है।
अन्ना हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कुछ चीजें सकारात्मक दिशा में जाती दिख रही हैं। सरकार ने लोकपाल, लोकायुक्त (की नियुक्ति) की दिशा में कदम उठाए हैं और किसानों की उपज की लागत का डेढ़ गुना कीमत देने का ऐलान किया है… हमें उम्मीद की किरण दिखती है। इसलिए, मैंने अपना विरोध (अभी) टालने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि ‘उम्मीद की किरण’ के बावजूद कुछ मुद्दे अनसुलझे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हजारे को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र की सामग्री के बारे में जानकारी नहीं है। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता, 81 वर्षीय हजारे ने आगाह किया कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह महात्मा गांधी की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी से अपना विरोध शुरू करेंगे। हजारे ने कहा,‘‘ आज गांधी जी की जयंती है और 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि है। अगर मुद्दे अनसुलझे रहते हैं तो मैं गांधी जी की पुण्यतिथि पर अपना विरोध शुरू करूंगा… और यह राष्ट्रव्यापी होगा।’’
लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के अलावा, हजारे ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को संवैधानिक दर्जा देने की भी मांग की है। उन्होंने सीएसीपी को स्वायत्त निकाय बनाने की भी पैरवी की है। हजारे डेयरी किसानों के लिए उचित मूल्य की मांग करने के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी लागू करने की मांग कर रहे हैं।