जानिये क्या है अखिलेश यादव की “सच्चाई पर चर्चा”, कब और कैसे होगी शुरू?
February 16, 2018
लखनऊ , समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अब बीजेपी की ” चाय पर चर्चा ” का जवाब ” सच्चाई पर चर्चा ” से दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वे लोग अब एनडीए सरकार के झूठे वायदों को बेनकाब करके लोगों को उनकी सच्चाई बताएंगे। अखिलेश यादव ने ट्वीट + करके कहा कि अब तक हुई जूठी-जूठी सच्चाई पर चाय पर चर्चा… अब होगी सच्चे सच की सच्चाई पर चर्चा।
अखिलेश यादव ने कहा है कि अब समय आ गया है कि ‘‘सच्चाई पर चर्चा‘‘ होनी चाहिए कि चार वर्ष केंद्र में और एक वर्ष राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारों ने जनकल्याण के कौन से काम किए हैं? डबल इंजन की सरकारों ने इन पांच वर्षों में सिर्फ चाय पर चर्चा की है। अब चाय पर नही सच्चाई पर चर्चा होनी चाहिए कि देश की इतनी दुर्दशा कैसे हो गई?
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई की चर्चा बीजेपी की चाय पे चर्चा की तरह ही होगी। इसमें मोदी सरकार की असफलता सबके सामने लाई जाएगी। केंद्र सरकार ने पिछले चार वर्षों में उत्तर प्रदेश के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होने कहा कि सच्चाई की चर्चा यूपी में होने वाले दो सीटों के उपचुनाव पर लॉन्च होगी।
अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि ड्रॉइंग रूम से लेकर सड़क तक लोगों को एकत्र करें और बहस का आयोजन करें। मोदी सरकार ने लोगों से वोट लिया और सपोर्ट लिया। यूपी ने बीजेपी को लोकसभा में 73 रिकॉर्ड सीट्स पर जिताया। लेकिन यूपी को क्या मिला? मोदी सरकार ने प्रदेश के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने रायबरेली और गोरखपुर में एम्स बनाने का वादा किया था लेकिन वह भी नहीं हुआ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि स्थिति यह है कि समाज का हर वर्ग पीड़ित और आक्रोशित है। कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है। किसान बदहाल है और आत्महत्याएं कर रहा है। महिलाओं और बच्चियों तक की इज्जत सुरक्षित नहीं है। व्यापारी, अधिवक्ता, शिक्षक सभी परेशान हैं। चुनाव के समय भाजपा ने जो वादे किए थे उन्हें भुला दिया गया है? भाजपा सरकार सच्चाई का सामना करने से कतराती है।
सच तो यह है कि भाजपा राज में देश-प्रदेश पांच साल पीछे चले गए हैं। मंहगाई पर रोक नहीं लगी है। जनता की गाढ़ी कमाई पूंजी घराने लूट रहे हैं। भाजपा की नीतियां कारपोरेट घरानों के हित में है। इनकी नीयत गरीबों की भलाई करने की नहीं है। नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। उन्हें रोजगार देने के दावे झूठे साबित हुए हैं। छोटे उद्योगधंधे बंद हो रहे हैं। देश के एक प्रतिशत के पास 73 फीसद संपत्ति है। भाजपा की नीतियों के फलस्वरूप आर्थिक-सामाजिक गैरबराबरी बढ़ी है।
इसमें दो राय नहीं कि भाजपा सरकारों की गलत नीतियों के चलते प्रदेश में तमाम विषमताएं पैदा हो गई हैं। भाजपा सरकार ने जनहित में जिन विषयों की अनदेखी की है उनकी ‘‘सच्चाई पर चर्चा‘‘ होना बहुत जरूरी है। जनता को इससे पता चलेगा कि ‘‘मन की बात‘‘ की असली मंशा क्या है?