मायावती द्वारा बसपा की ओवरहालिंग जारी, कुछ और नेताओं को किया पार्टी से बाहर…
February 16, 2018
लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती द्वारा पार्टी की ओवरहालिंग का काम जारी है। जिसके क्रम मे, बसपा ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुये कुछ और नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
हाथरस मे, पार्टी ने सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े बनी सिंह बघेल और हाथरस विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी रहे बृजमोहन राही एडवोकेट को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में की गई है।
बसपा ने चार दिन पहले ही चौंकाते हुए 25 दिन पूर्व जिलाध्यक्ष नियुक्त हुए रघुवीर सिंह ऊसवा को हटा दिया था और उनकी जगह पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. बीडी सिंह को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। नियुक्ति के चार दिन बाद ही डॉ. बीडी सिंह की तरफ से इन दो दिग्गज नेताओं के निष्कासन का पत्र जारी किया गया है। प्रभारी और पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश देशमुख को भी पार्टी बर्खास्त कर चुकी है।
अलीगढ़ मे, पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव लड़े चार पूर्व प्रत्याशियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बसपा जिलाध्यक्ष तिलकराज यादव के मुताबिक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर इगलास विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र कुमार, खैर से पूर्व प्रत्याशी राकेश मौर्य, शहर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी आरिफ बॉबी अब्बासी, अतरौैली से पूर्व प्रत्याशी इलियास चौधरी को पार्टी से निकाल दिया गया है। पार्टी ने हाल में ही जिले में बसपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री चौ. महेंद्र सिंह को पार्टी से निकाला दिया है।
सूत्रों के अनुसार, निकाले गये ज्यादातर नेताओं ने पार्टी की सदस्यता धनराशि जमा नहीं कराई थी और इसका गबन कर लिया।बसपा सुप्रीमो मायावती की ऐसे नेताओं व पूर्व प्रत्याशियों पर ‘टेढ़ी नजर’ है, जिन्होेंने पार्टी की सदस्यता शुल्क की राशि जमा नहीं की है। मायावती ने इसे बड़ी अनुशासनहीनता माना है। ऐसे नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है।
कई नेताओं की पार्टी विरोधी गतिविधियों में भी संलिप्तता पाई गई है। हाईकमान द्वारा बार-बार इन्हें चेतावनी दी गई, लेकिन इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। इसलिए मजबूरीवश इन सभी नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है। इसकी शुरुआत अलीगढ़ व आगरा मंडल से हुई है। दोनों मंडलों से दर्जन भर से ज्यादा नेताओं पर गाज गिरी है।