पृथक रहने के नियमों का उल्लंघन करने पर हुआ, कड़ी सजा का प्रावधान

नई दिल्ली, कोरोना वायरस की रोकथाम के दौरानपृथक रहने के नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान हो गया है। कर्नाटक सरकार ने कहा कि पृथक रहने के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा जिसके अनुसार छह महीने जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

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राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, “हम उनके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे। इस बाबत आईपीसी की धारा 271 (पृथक रहने के नियम का पालन न करना) में स्पष्ट रूप से छह महीने की कैद और जुर्माने या दोनों का प्रावधान है। यह असंज्ञेय अपराध है।” उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “इसलिए हम पृथक किए गए व्यक्ति के संबंध में अधिसूचना जारी करेंगे। इसका उल्लंघन करने पर मामला दर्ज किया जाएगा।”

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यह पूछे जाने पर कि क्या यह कानून पृथक किए गए दूसरे राज्यों के लोगों पर भी लागू होगा, मंत्री ने कहा, “कोई कहीं का भी हो यदि एक बार उसे पृथक कर दिया गया है तो उसे पृथक किए जाने की समयसीमा से पहले बाहर नहीं जाना चाहिए। पृथक रहने की समयसीमा समाप्त होने के बाद ही उसे बाहर जाना चाहिए। एक बार कोई यहां आ गया और हमने उस पर पृथक रहने की मुहर लगा दी तो उसे यहीं पृथक रहना होगा, वह कहीं नहीं जा सकता।”

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इससे पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पृथक किए गए घरों के बारे में अधिसूचना के द्वारा सार्वजनिक सूचना दी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार घर पर पृथक रहने की मुहर लगे व्यक्ति को 14 दिन तक घर पर ही रहना चाहिए।

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