नई दिल्ली, देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले का आरोपी मेहुल चौकसी जांच एजेंसियों के शिकंजे से बाहर है. एक तरफ जहां भारत की तमाम एजेंसियां मेहुल चौकसी को वापस भारत लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. वही एक हिंदी न्यूज चैनल ने मेहुल चौकसी का इंटरव्यू किया है जिसमें वो रो-रोकर खुद को को बेकसूर बता रहा है. यही नहीं वो जांच एजेंसियों को ही कटघरे में खड़ा कर रहा है.
देश को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाने वाला आरोपी शख्स मेहुल चोकसी मीडिया के जरिए लोगों के सामने आया। इंटरपोल की पकड़ से बेशक चोकसी दूर हो लेकिन मीडिया के कैमरे से नहीं बच सका। एक मीडिया चैनल पर चोकसी ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उसने कहा कि जिस कंपनी (गीतांजलि) के जरिए उस पर घोटाले के आरोप लगे हैं वो उसे सन् 2000 में ही छोड़ चुका है। हालांकि उसने स्वीकारा कि सन् 1998 से 2000 यानी दो सालों तक वो इस कंपनी से जुड़ा रहा लेकिन इसके बाद यानी अब तक 18 सालों से दूर हैं।
ऐसे में जब चोकसी से ये पूछा गया कि आखिर उनका नाम इस घोटाले में कैसे आया तो उन्होंने कहा कि उनकी तीनों कंपनियों का पीएनबी में खाता रहा है। जिसने मात्र ‘केवाईसी’ में उसका नाम होने के चलते सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय में उसका नाम दिया। चोकसी ने कहा कि कभी ऐसा हुआ ही नहीं कि एक दिन में किसी कंपनी को बिना जांच के बंद किया जाए। यह सब सिर्फ सरकार पर अत्यधिक दबाव की वजह से हुआ। जो बैंक के डिफॉल्टर हैं उनमें से किसी एक को नहीं लाया जाएगा तो शायद चुनाव इधर से उधर हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब नीरव मोदी की कुछ कंपनियों पर पीएनबी ने कार्रवाई की तो उसकी एक कंपनी में मेंरा नाम होने की वजह से ये कार्रवाई होने लगी। मेरी कंपनी में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से करीब 6 हजार लोग काम करते थे।
इससे पहले मेहुल चोकसी के मामले जांच एजेंसियों की लापरवाही से प्रधानमंत्री कार्यालय के नाराज होने की खबर सामने आई थी।
बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक को अरबों रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ लंबित रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) के अनुरोध पर इंटरपोल की आंतरिक समिति अक्टूबर में विचार करेगी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) चोकसी के मामले पर सक्रियता से काम कर रहा है। वहीं चोकसी का कहना है कि उसके खिलाफ यह मामला राजनीति से प्रेरित है। आरोपी चोकसी के मुताबिक ‘जब नीरव मोदी की कुछ कंपनियों पर पीएनबी ने कार्रवाई की तो उसकी एक कंपनी में नाम होने की वजह से ये उन पर कार्रवाई होने लगी।