ये साधारण सावधानियां, कोरोना संक्रमण के खतरे से बचातीं हैं हमें
April 21, 2020
नयी दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 31 मई तक देश में प्रतिदिन कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण के एक लाख नमूनों की जांच करने की क्षमता हो जायेगी।
डॉ हर्षवर्धन ने आज अपने संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक के 125 आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 को लेकर चर्चा की और उन्हें इससे दहशत नहीं फैलाने की अपील की। उन्होनें लोगों से कहा कि 80 प्रतिशत मामलों में अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं हाेती है और न ही जान का खतरा है। उन्होंने इस दौर में बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर है, इसलिए साधारण सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है। कोरोना वायरस का फैलाव दिल्ली में भले ही ज्यादा हो गया है लेकिन यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि 80 प्रतिशत मामलों में न तो जान का खतरा होता है और न ही अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत है।
शेष 20 प्रतिशत मामलों में स्थिति के अनुसार अस्पताल में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता होती है। कुल मामलों के मुकाबले केवल तीन प्रतिशत लोग ही दुर्भाग्य से मृत्यु के शिकार होते हैं। इस संक्रमण से बचाव के लिए कुछ साधारण सावधानियां हैं जो कोरोना के खतरे और हमारे बीच दीवार का काम करती हैं।
उन्होंने कहा कि बार-बार अच्छी तरह हाथ धोना, अपनी आंख, कान, मुंह को नहीं छूना और मास्क लगाए रखना कुछ ऐसी सावधानियां हैं जिनसे बचाव होता है। इसके अलावा एक-दूसरे के बीच पर्याप्त दूरी रखने से संक्रमण का फैलाव नहीं हो सकता। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाया गया है ताकि दिल्ली और देश के नागरिकों को कोरोना के खतरे के दायरे से दूर रखने के प्रभावी प्रयास किए जा सके। ऐसे प्रयास सरकार को भी करने हैं और जनता को भी अपना सावधानियों का दायित्व निभाना है।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों के अलावा उत्तर-पश्चिम जिले के उपायुक्त, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के दो जोन की उपायुक्त और पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना संकट की इस घड़ी में वे जनता की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दें तथा उन्हें सावधानियों और सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का स्मरण कराते रहें।
सभी को यदि सुरक्षित रहना है तो बिना मास्क के नहीं निकले और आपसी दूरी अवश्य रखें। इन सावधानियों की अनदेखी करना भारी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने कोरोना की जांच के लिए पुणे में एक प्रयोगशाला से शुरूआत की थी। अब 194 सरकारी प्रयोगशालाओं और 82 निजी प्रयोगशालाओं से जांच की जा रही है। 31 मई तक एक लाख जांच करने की क्षमता हासिल कर लेंगे।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि इस समय बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के 75 प्रतिशत रोगियों की आयु 60 वर्ष से अधिक होती है। ऐसे वृद्ध जिन्हें पहले से हृदय रोग, श्वांस लेने में दिक्कत, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया जैसी बीमारियां हों, उनका विशेष ध्यान रखा जाये। ऐसे बुजुर्ग घर के भीतर रहें और साधारण सावधानियों तथा आपसी दूरी के निर्देशों का पालन करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे अपने सार्वजनिक जीवन में अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों के साथ पिछले 26 वर्ष से लगातार संपर्क रखे हुए हैं लेकिन अब कोरोना वायरस के कारण पिछले डेढ़ महीने से अपने जनता दरबार के द्वारा लोगों से मिलना स्थगित करना पड़ा। इसलिए बार-बार आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों के साथ विडियो कान्फ्रेसिंग से चर्चा कर रहा हूं। ऐसे अवसर में वह आप सब के स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से सावधानियों पर जोर देते हैं।
डॉ हर्षवर्धन ने आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों और क्षेत्र की जनता से अपील की कि वे अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें। यह एप आपको कोरोना के खतरे से अवगत कराती रहेगी। उन्होंने आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों से कहा कि वे भी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए कम से कम 100 परिवारों को कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी देते रहे। सरकार ने तो मोबाइल फोन में अंग्रेजी, हिंदी के अलावा 11 भाषाओं में बचाव और रोकथाम का संदेश दिया है।