सांप्रदायिक सदभाव की प्रतीक है ये लाइब्रेरी

रामपुर ,  उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक नवाबी हुकूमत के गवाह रहे रामपुर की रजा लाइब्रेरी सदियों से सांप्रदायिक सदभाव का पैगाम दुनिया को दे रही है।

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भारतीय मुगलकालीन तर्जे तामीर पर बनी इमारत की नक्काशी जहां दीदा ए जेब है वहीं इसके दरवाजे के दोनों तरफ बनी मीनारें धार्मिक एकता का प्रतीक हैं। मीनारों में सबसे ऊपर मन्दिर, उसके बाद गुरूद्वारा फिर चर्च और सबसे नीचे मस्जिद का नक्शा बनाया गया है। लाइब्रेरी में 60 हजार से अधिक पुस्तकें और 17 हजार पाण्डुलिपियां मौजूद हैं। किताबी खजाने के साथ यहां बेशकीमती असली नुस्खे, कीमती दस्तावेज, इस्लामिक कैलीग्राफी हैं।

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वर्ष 1904 में रियासत रामपुर के नवाब हामिद अली खां ने इस इमारत का निर्माण कर मआशरे को कौमी यकजहती और भाईचारे का पैगाम दिया। इसका नक्शा फ्रांस के शिल्पकार डब्ल्यू सी राइट ने बनाया था। देश और दुनिया से आने वाले विद्वान इसकी भव्यता देखकर हैरान रह जाते हैं। इसकी देखरेख फिलहाल केन्द्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय कर रहा है।

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लाइब्रेरी के निदेशक सैयद हसन अब्बास का कहना है कि लाइब्रेरी की इमारत से समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द और लोगों में एक दूसरे के साथ मिलकर रहने की सीख मिल रही है। इमारत से ही देशभक्ति और एकता का संदेश देखने को मिलता है। चारों धर्मों के प्रतीक बनवाकर धार्मिक एकता का संदेश दिया गया है।

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