मां कि मौत पर एक कफन तक का जुगाड़ करने को उसके मासूम बेटे भटकते रहे लेकिन उसका कोई मददगार नहीं मिला. न सरकार, न सरकारी तंत्र और न ही समाजिक कार्याें का ढिंढोरा पीटने वाले तथाकथित समाजसेवी. थकहार कर बच्चों ने अपनी मां को दफना दिया.
सरकारी तंत्र तो इस सूचना से बेफिक्र रहा लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव तक सपाइयों ने जब यह सूचना पहुंचायी तो वे तुरंत मदद का फरमान सुनाते हुए पार्टी फंड से एक लाख रुपये भेजवाए. एक लाख रुपये का चेक सपा की गोरखपुर इकाई ने पीड़ित परिवार के घर जाकर दिया. जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव की अगुवाई में चेक देने पहुंचे सांसद प्रवीण निषाद, मनुरोजन यादव, साधु यादव, राघवेंद्र तिवारी राजू ने परिवार को हर संभव आगे भी सहायता का आश्वासन दिया.
जंगल कौड़िया ब्लाॅक के जिंदापुर गांव की रहने वाली 37 साल की राजकुमारी देवी की मौत कुछ महीने पहले ही हुई थी. गरीबी में जूझ रहे इस परिवार का जिम्मा राजकुमारी पर ही आ गया. वह मजदूरी करके दो बेटियों सुषमा , कुसुम और बेटे हरिकेश का लालन-पालन करती. राजकुमारी की तबीयत अचानक से बिगड़ गई. दवा-इलाज के अभाव में राजकुमारी का निधन हो गया. हालांकि, उसकी मौत के बाद भी गरीबी ने उसका पीछा नहीं छोड़ा. मां के अंतिम संस्कार को तीनों मासूम परेशान रहे. इधर-उधर मदद की गुहार लगाई लेकिन कहीं से मदद नहीं मिल सका. मदद नहीं मिलने से कफन और लकड़ी तक का इंतजाम ये मासूम नहीं कर सके.फिर थकहारकर रोहिन नदी के किनारे अपनी मां को दफना कर अंतिम संस्कार किया.