झांसी, उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार दोपहर तक तेज गर्मी के बाद शाम के समय अचानक मौसम के करवट लेने से शुरू हुई आंधी और बारिश ने कोराना वायरस(कोविड-19) के खतरे से बचने के उपायों में जुटे लोगों के चेहरे पर मायूसी और चिंता की लकीरें ला दीं।
अभी तक बेमौसम बरसात से किसान ही परेशान थे लेकिन कोराेना के बढ़ते खतरे के बीच अब आम लोगों की परेशानियां भी मौसम में होने वाले ऐसे बदलावों से बढ़ने लगी हैं।पूरी दुनिया में कोरोना का कहर सिर चढ़कर बोल रहा है। चीन से शुरु हुई इस आफत की चपेट में इटली जैसे देश भी हैं तो भारत भी इससे अछूता नहीं है।
इस संबंध में यूनीवार्ता से बात करते हुए रेलवे हाॅस्पिटल में अपनी सेवाएं दे चुके डा.यशवंत राठौर ने बताया कि बारिश होने से तापमान में कमी आई है। कम तापमान में वायरल इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ऐसा मौसम ठीक नहीं है। संक्रमण कम तापमान पर ज्यादा होता है।
इस बीच सोशल मीडिया पर इस तरह के दावे भी सामने आ रहे हैं कि 27 डिग्री से अधिक तापमान पर यह वायरस निष्क्रिय हो जाता है। इस संबंध मेडिकल काॅलेज में क्षय रोग विभाग के चिकित्सक डा.राजीव कुमार ने बताया कि ऐसी कोई गाइड लाइन नहीं है कि कोरोना वाॅयरस 27 डिग्री तापमान के बाद मर जाता है या संक्रमण नहीं फैलाता। यह सब सोशल मीडिया का कहना है। किसी गाइडलाइन में उन्हें ऐसा नहीं बताया गया है और न ही स्पष्ट इसके बारे में कहा गया है।
बुन्देलखंड में गर्मी के दौरान तापमान 45 डिग्री के पार चला जाता है। हाल ही में पिछले दो दिनों से तापमान 30 के पार चल रहा था। इसे देख लोगों में खुशी का माहौल था। कि अब तो कोरोना वायरस यहां आ ही नहीं सकता। लेकिन लोगों की खुशी उस समय चिंता में बदल गई जब आज दोपहर बाद शाम के समय अचानक आसमान में घनघोर बादल छा गए। यही नहीं तेज आंधी के साथ हुई बारिश ने तापमान को कम कर दिया। इसके बाद लोगों के चेहरों पर चिंता की लकीरें स्पष्ट देखी गई।
इस संबंध में किसानों की चिंता भी कुछ कम नहीं है। किसान इस बेमौसम बरसात को भी कोरोना से कम नहीं मानते। उनका कहना है कि पहले खड़ी फसलें पानी और ओलों ने बर्बाद कर दी। अब खेतों में कटी पड़ी फसलें भी बेमौसम बरसात बचने नहीं देगी। किसान नेता गौरीशंकर बिदुआ इसे किसानों का दुर्भाग्य बताते नजर आए।