लखनऊ, राज्यसभा सदस्य और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह एकबार फिर चर्चा मे हैं। यह भी चर्चा है कि वह शीघ्र ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं।अमर सिंह खुद भी कह चुके हैं कि उन्हें भाजपा में शामिल होने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो उन्हें इस पार्टी से कोई न्योता मिला है और न ही उन्होंने शामिल होने की कोई इच्छा जाहिर की है।
अमर सिंह के भाजपा मे शामिल होने की चर्चा तो पहले से ही थी लेकिन इसमे तेजी तब आयी जब लखनऊ मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान उनका जिक्र किया। कार्यक्रम के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने सभागार में अमर सिंह से मुलाकात की। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि आखिर अमर सिंह भाजपा के लिये किस काम के हैं ? वैसे तो आज अमर सिंह की राजनैतिक पहचान राष्ट्रीय स्तर की है। वर्तमान मे वह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मेहरबानी से राज्यसभा के सदस्य हैं।
लेकिन अगर अमर सिंह की राजनैतिक हैसियत की बात करें तो उनकी आज खुद की हैसियत एक लोकसभा तो क्या विधानसभा सीट न तो जीत पाने की है और नाही जिता पाने की है। अमर सिंह क्षत्रिय बिरादरी से आतें हैं। लेकिन अपनी बिरादरी पर भी उनका प्रभाव नगण्य है। एेसी स्थिति मे अमर सिंह का आगामी लोकसभा चुनाव मे भाजपा के लिये तो कोई उपयोग दिखता नही है।
लेकिन भाजपा बिना काम के तो किसी को अपने साथ रखने वाली नही? इसलिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनको क्यों इतना तवज्जो दे रहें हैं। इस राज का पर्दाफाश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ मे अपने भाषण के दौरान अमर सिंह का जिक्र करते हुये ही कर दिया है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था कि यहां अमर सिंह बैठे हैं यह तो सारी हिस्ट्री निकाल देंगे।
लोकसभा चुनाव मे यूपी भाजपा के लिये सपा-बसपा गठबंधन के कारण सबसे कठिन राज्य हो गया है। चुनाव के दौरान यूपी मे विपक्षी नेताओं के खिलाफ आग उगलने के लिये भाजपा को एेसे ही नेता की जरूरत हो सकती है जो किसी भी स्तर पर जाकर, किसी के खिलाफ बात कर सके। अमर सिंह किसी भी नेता के गड़े मुर्दे उखाड़ने मे माहिर हैं। चुनाव के दौरान भाजपा का पूरा प्रयास अमर सिंह के जरिये विपक्षी नेताओं पर नमक मिर्च लगाकर हमले करवाना होगा और अमर सिंह इसके एक्सपर्ट हैं।