लखनऊ, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए अब एजेंसियां बदलने जा रहा है। आयोग शासन से इस संबंध में जल्द ही अनुमति लेने जा रहा है। आयोग का मानना है कि एजेंसियां बदलने और इसकी गोपनीयता बनाए रखने से धांधली पर काफी हद तक रोक लगेगी।
आयोग को समूह ‘ग’ तक के पदों पर भर्ती का अधिकार मिला है। राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के लिए नौ एजेंसियों का पैनल तैयार किया है। इनमें सात ऑनलाइन तथा दो ऑफलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसियां हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अभी ऑफलाइन परीक्षाएं करा रहा है। आयोग का मानना है कि एजेंसियों के नाम पहले से तय हैं, इसलिए भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले सफल हो जा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए परीक्षा के लिए एजेंसियों का पैनल नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
आयोग का मानना है कि इससे भर्ती परीक्षाओं में सेंधमारी करना आसान नहीं होगा। इसके साथ ही परीक्षा प्रश्नपत्र सेंटर पर भेजने की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाएगा। आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने इस संबंध में सदस्यों के साथ बैठक की है। आयोग के सदस्यों से भी सुझाव मांगे थे। कई सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व्यायाम प्रशिक्षक के 42 व क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के 652 पदों की परीक्षा 16 सितंबर को प्रदेश के नौ जिलों में कराएगा। इसमें 3,37,395 परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, आगरा, बरेली, मेरठ व मुजफ्फरनगर में होगी। परीक्षा दो पालियों में होगी। मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पांडेय मंगलवार को परीक्षा केंद्र वाले सभी नौ जिलों के डीएम व एसएसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर परीक्षा की तैयारियों के बारे में जानकारी लेकर जरूरी हिदायत देंगे। नलकूप चालक की 6 सितंबर को आयोजित परीक्षा का पर्चा पहले से लीक हो गया था।