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अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह के साथ को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कही ये बात

बलिया,  सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मैनपुरी में होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी को लड़ाई से बहार बताते हुए भारतीय जनता पार्टी को क्लीन चिट दी है।

बलिया के मनियार में शनिवार को पार्टी की एक सभा के दौरान संवाददाताओं करते हुए श्री राजभर ने कहा कि पिछली बार नेता जी (मुलायम सिंह यादव) मैनपुरी की सीट से सपा और बसपा के गठबंधन के दम पर चुनाव लड़े तो 95000 वोटों से जीते थे, इस बार अगर केवल बसपा का वोट निकाल दिये जाएं और सपा के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर आकलन किया जाए तो वह मैनपुरी उपचुनाव में कमजोर पड़ती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि सपा केवल बडबोले बयानबाजी के लिए जानी जाती है। उन्होंने दावा किया उपचुनाव सत्ता पक्ष का चुनाव होता है। हम पिछले उपचुनावों में हम यह सभी देख चुके हैं कि उपचुनाव में सत्तारूढ पार्टी की जीत हुई थी। ऐसे में सपा केवल भाषणबाजी कर रही है।
समाजवादी पार्टी पर हमलावर श्री राजभर ने सपा पर चार बार की सरकार में केवल गुंडई करने, तानाशाही करने, लोगों की जमीन कब्जाने, थाने से अपराधियों को छुड़ाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा की सपा के इन कृत्यों के बाद जनता सपा को वोट देने को तैयार नहीं है। वहीं अखिलेश-शिवपाल के साथ पर तंज कसते हुए राजभर ने कहा की चाचा (शिवपाल) विधानसभा चुनाव हो या लोक सभा चुनाव हर जगह सपा के साथ रहे है तो कितने वोट दिलवा लिए और इस चुनाव में भी साथ रहकर कितने वोट दिलवा देंगे ये देखा जाएगा। उन्होंने कहा की जब हम (सुभासपा) सपा के साथ रहे तो ताकत दिखाई, आजमगढ़, गाज़ीपुर और अंबेडकरनगर में भाजपा का खाता नहीं खुलने दिया, बलिया में हमारे मित्र चुनाव लड़ रहे थे तो छोड़ दिया ।

मैनपुरी में प्रत्याशी के सवाल पर श्री राजभर ने कहा की शपथ न ले पाने के कारण वहां हमारे प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया है। उन्होंने कहा की सपथ दिलवाने की जिम्मेदारी निर्वाचन अधिकारी की होती है। पर उसे निर्वाचन अधिकारी या प्रत्याशी की चालबाजी कहें की हमारे प्रत्याशी को सपथ नहीं दिलाई गई, जिससे उसका पर्चा खारिज हो गया, वर्ना हमने छ: माही परीक्षा तो पास ही कर ली थी। मैनपुरी में समर्थन के सवाल पर कहा कि हम किसी को समर्थन नहीं करेंगे, हमारे वोटर बहुत चतुर हैं।

वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा राम और मोदी पर दिए गए विवादित बयान पर श्री राजभर ने कहा कि नेता चर्चा में आने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते है। उन्होंने कहा कि सात साल पहले जब ये बसपा में थे तो क्या बोलते थे, सपा में आये तो क्या बोल रहे है और भाजपा में थे तो क्या बोल रहे थे। इनका पीछे और आगे का वीडियो देखा जाए तो पता चल जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति में स्वामी का दांव जहां लग जाय वह वहाँ ये चले जाते हैं। श्री राजभर ने कहा कि स्वामी जब भाजपा में मंत्री बने तब उन्हें ये बाते याद नहीं आई ? तब तो पांच साल खूब रसमलाई खाए। अब सपा में गए है तो बोल रहे है।