मुंबई, देश के अगले राष्ट्रपति के लिए लगातार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम की वकालत कर रही शिवसेना ने आज कहा कि राष्ट्रपति भवन में ‘हिंदुत्व का रबर स्टांप’ होना चाहिए। भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने कहा कि देश को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो इसके भविष्य को ‘हिंदू राष्ट्र’ के रूप में आकार दे सके और जो ‘राम मंदिर’ और ‘अनुच्छेद 370’ जैसे विषयों का हल निकाल सके।
चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के विरोध में, दलितों का प्रदर्शन, कांग्रेस उतरी समर्थन मे
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे एक संपादकीय में कहा गया, ‘अभी तक धर्मनिरपेक्ष सरकारों के ‘रबर स्टांप’ ही राष्ट्रपति भवन में रहे हैं। अब राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और संविधान के अनुच्छेद 370 जैसे विषयों का समाधान निकालने के लिए जरूरी है कि राष्ट्रपति पद पर कोई हिंदुत्व का रबर स्टांप बैठे।’ शिवसेना ने बार-बार कहा है कि देश के सर्वोच्च पद के लिए उसकी पसंद संघ प्रमुख भागवत हैं।
तैयार रहिये, अब रोज बदलेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
एनडीटीवी पर सीबीआई छापेमारी को, मायावती ने सबक सिखाने की फूहड़ कोशिश बताया
हालांकि 66 वर्षीय भागवत कह चुके हैं कि उन्हें राष्ट्रपति पद में कोई रुचि नहीं है। अगर आवश्यकता हुई तो राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होंगे। इनमें भाजपा को अपनी सहयोगी शिवसेना से 18 सांसदों और 63 विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। संपादकीय में लिखा है कि गणना के अनुसार राष्ट्रपति पद के लिए राजग के 23 घटक दलों के 48 प्रतिशत वोट हैं, जबकि संप्रग के 17 घटक दलों के 26 प्रतिशत वोट हैं।
पुलिस का सख्त एक्शन शुरू, नही बख्शे जायेंगे अपराधी
सहारनपुर जातीय दंगों से बनी दलित विरोधी छवि को सुधारने के लिये, बीजेपी का बड़ा प्लान
पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में भाजपा से अलग रास्ता अपनाती रही शिवसेना ने गुरुवार को कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में ‘स्वतंत्र’ रुख अपना सकती है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। 2012 के इस चुनाव में भाजपा ने पीए संगमा का समर्थन किया था। साल 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में भी शिवसेना ने राजग के उम्मीदवार भैंरो सिंह शेखावत के बजाय संप्रग की प्रतिभा पाटिल को वोट दिया था।
शिवपाल सिंह, से मिलने वालों का लगा तांता, आम के साथ खास भी मिले
योगी सरकार ने किये, फिर पुलिस अफसरों के तबादले, देखिये पूरी लिस्ट
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना ने लिखा है कि उनके और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे लोगों ने पद की गरिमा को बनाये रखा है। संपादकीय के मुताबिक, ‘प्रणब मुखर्जी कांग्रेसी विचारधारा से हैं लेकिन वह सक्षम और मजबूत राष्ट्रपति रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उनका व्यापक अनुभव देश के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है।
एनडीटीवी के संस्थापक प्रणव रॉय के घर, सीबीआई की छापेमारी, कहा-झूठे केस में फंसाया जा रहा
देखिये, संसद मे सांसदों की उपस्थिति, कौन नम्बर वन और कौन फिसड्डी