नई दिल्ली, अगुस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद क्या अब उनके राजनीतिक आकाओं पर भी शिकंजा कसा जाएगा? क्या ये गिरफ्तारियां यूपीए की मुसीबतें बढ़ाने वाला है? नोटबंदी पर संसद में आक्रामक दिख रही कांग्रेस के तेवर क्या इसके चलते कुछ ढीले पड़ेगे?
ये तमाम सवाल इसलिए अहम हो गए हैं क्योंकि इस घोटाले में सीबीआई जांच अब इसी दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। इस बीच तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा।
एक अंग्रेजी समाचार चैनल के मुताबिक जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि त्यागी भाइयों ने रिश्वत की रकम से प्रॉपर्टी खरीदने के मकसद से बेनामी फर्म बनाई थीं। ऐसी 5 बेनामी फर्म्स का सीबीआई को पता चला है। शनिवार को अदालत में आरोपियों को पेश किया जाएगा। जाहिर है कि सीबीआई आरोपियों से पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लेना चाहेगी। सीबीआई ने पूछताछ के लिए सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है।
रिटायरमेंट के बाद एसपी त्यागी का दो बार इटली जाना सीबीआई को शुरू से ही खटक रहा था। उन दौरों की जांच में भी सीबीआई को अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में पाया था कि पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी ने अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे में दलालों से रिश्वत ली थी। यह बात सामने आने के बाद से सीबीआई त्यागी की संपत्ति, बैंक और खासकर 2004-05 के बाद की प्रॉपर्टी की जांच कर रही थी।
आरोपियों पर लगभग 3, 600 करोड़ रुपये में वीवीआइपी के लिए 12 हेलीकाप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई ने एफआईआर में एसपी त्यागी पर आपराधिक षडयंत्र रचने और अपने पद का गलत फायदा उठाने का आरोप लगाया है। सीबीआई के मुताबिक मिडलमेन गुइडो हास्चके और कार्लो गेरोसा ने त्यागी के भाइयों (जूली, डोकसा और संदीप) तक रिश्वत पहुचाई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस साल अप्रैल में एसपी त्यागी को समन भेजा था। मई में सीबीआई ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी से कई दौर की पूछताछ की थी।