मुंबई, अभिनेत्री स्वरा भास्कर का कहना है कि फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ में उनका किरदार जोखिम भरा था। इस फिल्म में स्वरा ने एक ग्रामीण नौटंकावाली का किरदार निभाया है। उनके इस किरदार की खूब प्रशंसा हुई है। स्वरा ने कहा, इधर कई महिला केंद्रित फिल्में बनी हैं। उनमें से कई ने लैंगिक भेदभाव के मुद्दे को छूने की कोशिश की। लेकिन वे एक प्रकार से बची रहीं। अभिनेत्री ने कहा, वे इस तरह के प्रधान चरित्रों को उठा रहे हैं, जिनसे हम जुड़ सकें, मल्टिप्लेक्स आने वाली जनता उस मुख्य किरदार से जुड़ जाती है।
या तो फिल्म का विषय इतना भावनाप्रधान हो, हमारे परिवारों से जुड़ा हो, दोस्तों से संबंधित कहानियां हो या कामकाजी लड़कियों की कहानी हो, हम सभी इससे जुड़ जाते हैं। स्वरा आगे कहती हैं, इस फिल्म का संबंध किससे है, देशी, बदजबानी करने वाली, बिहारी भाषी, बीड़ी पीने वाली एक चरित्रहीन औरत? यह फिल्म एक महिला सेक्स को लेकर आत्म-अभिव्यक्ति की कहानी थी, जो मेरे खयाल से जोखिम भरा था।
फिल्म के विषय पर बात करने पर स्वरा कहती हैं कि अधिकतर फिल्मों में महिला को ‘बेचारी’ के रूप में पेश किया जाता है। लेकिन अविनाश दास के निर्देशन में उनके किरदार को पूर्णता के साथ दिखाया गया है। 29 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है कि अब तक लैंगिक अपराध और हिंसा पर बनी सभी हिंदी फिल्मों में महिलाओं को बेचारी, या एक सामान्य पीड़िता या एक सामान्य महिला.. जैसी दिखाने की पूरी कोशिश दिखाई देती है, जबकि वास्तव में हम ऐसे नहीं होते हैं।
स्वरा ने आगे कहा, हम कह रहे हैं। हां, वह चरित्रहीन है। हां, वह आपकी भाषा में वेश्या हो सकती है। अब बात करो! जब आप इस तरह की छवि गढ़ते हैं तब आप बिना किसी स्पष्टीकरण के उस महिला की सहमति मान बैठते हैं। स्वरा ने समाचार चैनल ‘सीएनएन-न्यूज18’ पर प्रसारित होने वाले ‘ऑफ सेंटर’ कार्यक्रम की एक कड़ी में अपने किरदार के बारे में खुलकर बातें कीं। यह एपिसोड शनिवार को प्रसारित होगा।