वाराणसी, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने की मांग करने वाली अर्जी पर स्थानीय जिला जज की अदालत ने सोमवार को पुन: सुनवाई शुरु करते हुए इस मामले के मुस्लिम पक्षकारों की दलीलों को सुना। जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने मामले की सुनवाई जारी रखते हुए अगली तारीख 12 जुलाई मुकर्रर की है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का प्रबंधन संभाल रही अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमटी के वकीलों ने मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति मांग रहीं पांच महिलाओं की अर्जी पर आधारित मुकदमे की पोषणीयता को जिरह के दौरान चुनौती दी। लगभग एक घंटे तक चली जिरह में मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने दलील दी कि यह अर्जी वादयोग्य नहीं है, क्योंकि यह पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
यादव ने कहा कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह सुनिश्चित करता हो कि जमीन के किस हिस्से में मंदिर स्थित है और किस हिस्से में मस्जिद बनी। इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत से अनुरोध किया कि वह मुस्लिम पक्ष की दलीलाें का जवाब सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई को देंगे।
गौरतलब है कि अदालत ने इस मामले में पिछली सुनवाई 30 मई को की थी। इससे पहले सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे केे दौरान मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंग जैसी आकृति की एक संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि उक्त संरचना विश्वेश्वर महादेव शिवलिंग है जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह वजूखाने का फव्वारा है।