मुंबई, भेजा फ्राई और खोसला का घोसला जैसी फिल्मों में नजर आ चुके अभिनेता विनय पाठक का कहना है कि भारतीय सिनेमा अब भी संघर्ष से जूझ रहा है। अभिनेता का कहना है कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि लोग मुख्यधारा और लीक से हटकर बनी फिल्मों के बीच की धुंधली रेखा के बारे में चर्चा करते हैं। विनय फिल्मों का चयन काफी सोच-समझ कर करते हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यहां कहा, मुझे हमेशा गुणवत्ता में विश्वास है। जब मैंने कॅरियर शुरू किया तब मेरे हाथ में कुछ नहीं था, इसलिए मैंने पास आई सभी फिल्मों में काम किया, लेकिन खोसला का घोसला को सराहना मिलने के साथ ही मुझे मेरे पसंद की फिल्में मिलीं। उन्होंने कहा, वास्तव में उसके बाद से इंडी फिल्मों को मल्टीप्लेक्सों में व्यापक दर्शकों के लिए जगह मिलने लगीं।
हालांकि, मुझे लगता है कि मुख्यधारा और इंडी सिनेमा के बदलते परिदृश्य के बारे में हम जो कहते हैं, वह कोई मायने नहीं रखता है.. असल में हमारे देश में इंडी सिनेमा अभी भी संघर्ष के चरण में है। वह इस्लाम सिटी, चिड़िया और गौर हरि दास्तां जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। आगामी एनिमेटेड फिल्म हनुमान दा दामोदर में जल्द ही उन्हें पोपट शर्मा के किरदार में सुना जाएगा। हनुमान दा दामोदर 19 मई को रिलीज होगी।