लखनऊ, प्रचंड गर्मी और ताप लहरी का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के लोगों को तपिश से राहत मिलने के कोई आसार नहीं है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनो तक मौसम में विशेष परिवर्तन के कोई आसार नहीं है हालांकि 31 मई से अगले एक दो दिन तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में बूंदाबादी होने का अनुमान है।
मौसम आंचलिक केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक दानिश ने बताया कि पिछले 24 घंटों में आगरा राज्य का सबसे गर्म इलाका रहा जहां अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इससे पहले वर्ष 1994 में ताज नगरी में अधिकतम तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। इसी अवधि में वीरंगना नगरी झांसी भी तपिश से बुरी तरह झुलसी जहां अधिकतम तापमान 48.1 डिग्री सेल्सियस रहा। जिले में इतनी गर्मी चार दशक बाद पड़ी है। वर्ष 1984 में यहां अधिकतम तापमान 48.2 डिग्री रहा था। लखनऊ में दिन का अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
उन्होने बताया कि तापमान में अचानक आयी तेजी की वजह पश्चिमी हवाओं का चलना है। यह हालात अभी कम से कम दो दिन और रहने की संभावना है। इसके बाद गर्मी से मामूली राहत मिलने का अनुमान है। 31 मई और एक जून को गोरखपुर मंडल के कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार है।
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि आमतौर पर हर साल गर्मी के मौसम में कुछ समय के लिये पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाता था जिससे आंधी पानी के हालात बन जाते थे लेकिन इस साल अब तक ऐसा सिस्टम सक्रिय नहीं हो सका है जिससे तापमान राज्य के अधिसंख्य इलाकों में सामान्य से ऊपर चल रहा है।
इस बीच प्रचंड गर्मी के चलते प्रदेश के अधिसंख्य इलाकों में दिन चढ़ने के साथ सड़कों पर सन्नाटा पसरा देखा जा रहा है। गर्मी के तल्ख तेवरों से विद्युत मांग में भी रिकार्ड बढोत्तरी हुयी है और स्थानीय गडबडियों से बिजली की लुका छिपी भी बढ गयी है। गर्मी के चलते सारा दिन बाजार और माल में सन्नाटा पसरा रहने से व्यवसायिक गतिविधियां भी शिथिल पड़ी हैं।
गर्मी के मद्देनजर राज्य के अधिसंख्य इलाकों में कक्षा 12 तक के स्कूल बंद कर दिये गये हैं।