अयोध्या रामजन्मभूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला
March 6, 2019
नई दिल्ली, रामजन्मभूमि-बाबरी मस्ज़िद विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है. आज सुप्रीम कोर्ट इस बात पर अपना फैसला दे सकता है कि क्या इस मसले को अदालत से बाहर मध्यस्थता के जरिए सुलझाया जा सकता है या नहीं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के संकेत दिए थे कि अगर मामला मध्यस्थता के जरिए निपटता है सुप्रीम कोर्ट भी उसमें मदद करने के लिए तैयार है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ कर रही है.
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हाईकोर्ट ने अयोध्या के विवादित परिसर के जमीन बंटवारे के बारे में पूर्व में जो फैसला दिया था, उसमें सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के बीच ही जमीन का बंटवारा किया गया था, जिसे बाद में तीनों पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। विवाद में मुख्य मुस्लिम पक्षकार उत्तर प्रदेश सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड सहित सभी प्रमुख मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन, राजू राम चन्द्रन, शकील अहमद, दुष्यंत दबे आदि ने 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता में आपसी बातचीत से विवाद को हल करने पर अपनी सहमति दे दी है।
इसी क्रम में विवाद से जुड़े प्रमुख हिन्दू पक्षकार निर्मोही अखाड़ा ने भी बातचीत से विवाद के हल के लिए सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को सुनवाई के दौरान ही सहमति दे दी थी। मगर एक अन्य प्रमुख हिन्दू पक्षकार रामलला विराजमान ने विवाद को बातचीत से हल करने की पहल पर सहमति नहीं दी है। चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान सुझाव दिया था कि यदि विवाद का सहमति के आधार पर समाधान खोजने की एक प्रतिशत भी संभावना हो तो संबंधित पक्षकारों को मध्यस्थता का रास्ता अपनाना चाहिए।