आईआईटी कानपुर ने, वर्ल्ड रैकिंग में लगायी लंबी छलांग
October 23, 2017
कानपुर, टाइम्स हायर एजुकेशन सर्वे की ओर से जारी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2018 की इंजीनियरिंग कैटेगरी में कानपुर आईआईटी को 201-250 के बैंड में रखा गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 200 रैकिंग की ऊचाईं पर जा पहुंचा है। हालांकि टॉप-100 में देश के किसी भी आईआईटी को स्थान नहीं मिल पाया है।
आईआईटी, कानपुर दुनिया के टॉप-500 शिक्षण संस्थानों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहा है। वर्ल्ड रैंकिंग में इसे 201-250 के बैंड में रखा गया है। इस बार दुनिया भर के संस्थानों में एशिया का वर्चस्व रहा है। टाइम्स हायर एजुकेशन सर्वे की ओर से जारी इस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2018 की इंजीनियरिंग कैटेगरी में आईआईएस, बेंगलुरु को 89 वां स्थान मिला है।
टॉप-100 में देश के किसी भी आईआईटी को स्थान नहीं मिल पाया है। इसका आकलन इंडस्ट्री आय, निवेश और शिक्षा समेत अनेक आधार पर किया गया है। आईआईटी कानपुर की सफलता यह है कि वह विश्व के संस्थानों में अपनी रफ्तार बनाए हुए है। आईआईटी, कानपुर, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर को 201-250 के बैण्ड में रखा गया है। हालांकि आईआईटी, मुंबई टॉप 200 के अन्दर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है।
आईआईटी कानपुर की सफलता यह है कि वह विश्व के संस्थानों में अपनी रफ्तार बनाए हुए है। आईआईटी कानपुर ने दो वर्ष पहले विश्व रैंकिंग में सुधार के लिए ब्ल्यू प्रिंट तैयार किया था। इस पर काम चल रहा है। पांच वर्ष की इस कार्य योजना के बाद संस्थान को उम्मीद है कि वह विश्व में अपनी रैंक में काफी सुधार कर सकेगा। दुनिया भर की विभिन्न रैकिंग में आईआईटी, कानपुर का नाम तो दर्ज रहता है लेकिन अनेक कारणों से रैकिंग में अपेक्षाकृत सुधार नहीं हो पाता है। एयर कनेक्टिविटी, विदेशी छात्रों की संख्या, आय समेत अनेक फैक्टर के कारण भी संस्थान को अपेक्षा के अनुरूप लाभ नहीं मिल पाता है।
टाइम्स ग्लोबल रैकिंग्स की डायरेक्टर फिल बैटी ने कहा कि भारत की गिरती रैंकिंग काफी निराशजनक है। बैटी के अनुसार भारत की रैकिंक का कारण वैश्विक प्रतियोगिता भी है। जिसमें भारत अच्छा परफोर्म नहीं कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में भारत शिक्षण संस्थानों का परफॉर्मेंस बेहतर होगी। इस बार टॉप-500 संस्थानों की लिस्ट में एशिया का शैक्षिक क्षेत्र में दबदबा बरकरार है। इनमें से 132 संस्थान एशिया के हैं। टॉप-10 में भी एशिया के संस्थानों ने स्थान पाया है। 127 संस्थान अमेरिका, कनाडा आदि देशों से हैं।