नई दिल्ली, सातवें वेतन आयोग के सुझावों पर केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 20 सिविल सर्विसेज के हजारों ऑफिसर के प्रतिनिधित्व मंडल ने सरकार से आइएसएस के समान वेतन की मांग की और उनके प्रभुत्व को समाप्त करने को कहा। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, भारतीय पुलिस सेवा समेत कई अन्य सेवाओं के अधिकारियों के इस कनफडरेशन ऑफ सिविल सर्विसेज एसोसिएशन (कोकसा) ने सरकार से उन्हें आईएएस के बराबर का वेतन और उनके जैसे काम करने के समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी कहा।
कनफडरेशन ऑफ सिविल सर्विसेज एसोसिएशन के संयोजक ने कहा कि सरकार ने वेतन आयोग की वेतन और भत्तों पर सिफारिशों को मंजूर कर लिया है। इससे एक बड़ी उम्मीद जगी है कि आयोग के दो-तीन सदस्यों द्वारा अन्य सेवाओं के लिए की गई वेतन समानता की सिफारिशों को मान लिया जाएगा। उनकी सरकार से प्रार्थना है कि सेवा और वेतन में समानता की सिफारिशों को जल्दी लागू किया जाए। इन 20 सेवाओं में भारतीय पुलिस सेवा, राजस्व सेवा, वन सेवा इत्यादि शामिल हैं। सिविल सर्विसेज असोसिएशन के कंवेनर, ने कहा, हम सरकार से दरख्वास्त करते हैं कि वेतन व सर्विस में समानता के लिए सुझावों को भी जल्द लागू करे। इस असोसिएशन में आइपीएस, इंडियन रेवेन्यू सर्विस, इंडियन फॉरेस्ट सर्विस, इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस समेत 20 सर्विसेज हैं। 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सबमिट करने वाला तीन सदस्यीय सातवां वेतन आयोग, आइएएस अधिकारियों व अन्य सर्विसेज के फिनांशल व करियर मामले पर विभाजित था।