Breaking News

आतंकवाद तथा अलगाववाद के कारण पूर्वोत्तर विकास की दौड़ में चार दशक पीछे रह गया : अमित शाह

नयी दिल्ली, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि तमाम विशेषताओं से लैस होने के बावजूद पूर्वोत्तर में मतिभ्रम और विवाद पैदा कर आतंकवाद तथा अलगाववाद खड़ा किया गया जिससे यह क्षेत्र विकास की दृष्टि से चार दशक पीछे चला गया।

अमित शाह ने यहां छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत राजधानी आये पूर्वोत्तर के राज्यों के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य गहना है और यह संस्कृति को समृद्ध करने वाली विरासत से लैस है। उन्होंने कहा, “ नॉर्थईस्ट में पूरी दुनिया को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षित करने की क्षमता है। साथ ही नॉर्थईस्ट में भारत के सबसे ज़्यादा आई क्यू वाले युवा हैं और सबसे मेहनती जनजातियां यहीं हैं। पूर्वोत्तर में 220 से अधिक जनजातीय समूह, 160 से अधिक जनजातियां, 200 से अधिक बोलियां और भाषाएं, 50 यूनिक प्रकार के त्यौहार और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध 30 से अधिक नृत्य शैलियां हैं।”

उन्होंने कहा कि कहा कि इतनी सारी विशेषताएं होने के बावजूद यह क्षेत्र विकास में पिछड़ गया क्योंकि एक समय था जब अलग-अलग प्रकार के मतिभ्रम और विवाद पैदा कर आतंकवाद और अलगाववाद को खड़ा किया गया। उन्होंने कहा , “ हिंसा, बंद, ड्रग्स, ब्लाकेड और प्रांतवाद ने हमारे नॉर्थईस्ट को टुकड़ों में बांट दिया। इसने हमारे उत्तरपूर्व को मानसिक रूप से न सिर्फ देश से बल्कि पूर्वोत्तर के राज्यों को भी एक दूसरे से अलग करने का काम किया। इसके परिणामस्वरूप हमारा नॉर्थईस्ट विकास की दृष्टि से 40 साल तक पिछड़ता चला गया और इसमे सबसे बड़े बाधक आतंकवादी और अलगाववादी समूह बने।”

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब भी उनकी पार्टी की सरकार आई तो उसने पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि पहले इतने बड़े और पिछड़े भूभाग के लिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में इसकी स्थापना की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम में ‘नॉर्थईस्ट’ को केंद्र बिंदु बनाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसने पूर्वोत्तर और भारत के बाकी भागों के बीच की दूरी को कम कर दिया।

अमित शाह ने कहा , “ उत्तरपूर्व के हर राज्य की राजधानी 2027 तक रेल, हवाई मार्ग और सड़क नेटवर्क से जुड़ जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ाकर उत्तरपूर्व को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ा, बल्कि फिज़िकल दूरी के साथ-साथ दिलों की दूरियां मिटाने का काम भी किया। मोदी सरकार ने हर योजना के केन्द्र में पूर्वोत्तर को रखकर और एक के बाद एक वहां के हर उग्रवादी समूह से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुन, समझ और उनके साथ समझौते कर उन्हें मेनस्ट्रीम में लाने का काम किया।”

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तरपूर्व अभी शांति का अनुभव कर रहा है। वर्ष 2004 से 2014 के बीच नॉर्थईस्ट में 11 हज़ार हिंसा की घटनाएं हुईं जबकि 2014 से 2024 के बीच सगभग 70 प्रतिशत की कमी के साथ ये संख्या 3428 रह गई। सुरक्षाबलों की मृत्यु में 70 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 89 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि सभी उग्रवादी समूहों के साथ मोदी सरकार ने समझौते किए और लगभग 10,500 से ज़्यादा विद्रोही हथियार डालकर मेनस्ट्रीम में आए हैं। पिछले 10 वर्ष में सरकार ने विद्रोही समूहों के साथ 12 महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। सरकार ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत पूर्वोत्तर की भाषाओं, बोलियों, संस्कृति, वेशभूषा, परंपरागत नृत्य और कलाओं को सम्मानित और संरक्षित किया तथा 10 हज़ार से ज्यादा लोगों से हथियार डलवाकर पूरे उत्तरपूर्व में शांति का माहौल खड़ा किया।