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आधारभूत ढांचा और कर्मचारी उपलब्ध करवाए जाएंः अदालत

courtमुंबई, बंबई हाई कोर्ट ने आज कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को यह समझना चाहिए कि अगर वह अपनी न्यायपालिका को आधारभूत ढांचा और कर्मचारी उपलब्ध करवाकर सहयोग नहीं कर सकती है तो मामलों और लंबित मुद्दों का जल्द निबटान भी नहीं हो सकेगा। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और बीपी कोलाबावाला की पीठ ने की है। पीठ सेल्स टैक्स ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन की याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसमें न्यायपालिका को आधारभूत ढांचा और कर्मचारी उपलब्ध करवाने की मांग की गई है। पीठ ने कहा, जिस तरह पुलिस थानों और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को राज्य की ओर से सहयोग और देखरेख की जरूरत होती है उसी तरह न्यायपालिका की ओर भी ध्यान आकर्षित किए जाने की जरूरत है और हमें उम्मीद है कि सोच में बदलाव आएगा जिसके बाद हमारा दखल बिलकुल कम हो जाएगा।

न्यायमूर्तियों ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि राज्य प्रशासन मुंबई के उपनगर बांद्रा पूर्व में बांद्रा सरकारी कॉलोनी के पुनर्विकास पर विचार कर रहा है। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में मौजूद अतिरिक्त खाली भूमि पर सेवारत सरकारी कर्मचारियों को बसाने के लिए फ्लैट या घरों के निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा करने पर विचार करे। पीठ ने कहा, इस अदालत ने कई ऐसे फैसले और आदेश दिए हैं जिनके चलते बड़े पैमाने पर खाली भूमि मुकदमेबाजी के शिकंजे से छुड़ाई गई है। अब काफी मात्रा में खाली भूमि उपलब्ध है। न्यायालय ने कहा कि अगर त्वरित सेवाएं देने का उद्देश्य है तो सरकार को अपने कर्मचारियों का खयाल रखना होगा।

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