आपातकालीन परिस्थितियों में राहत एवं बचाव के लिए बनेगा ग्रीन काॅरीडोर
October 6, 2017
लखनऊ , उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने आपात कालीन परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्य के मद्देनजर तत्काल सहायता पहुंचाने के लिये ग्रीन काॅरीडोर बनाने के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार सुलखान सिंह ने आज सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों को आपात कालीन परिस्थितियों में प्रभावितों को राहत एवं बचाव कार्य में लगे दलों को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिये ग्रीन काॅरीडोर बनाने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि आपदा राहत कार्य में घटनास्थल तक पहुँचने में यातायात सबसे बड़ी बाधा होती है। आपदा में फंसे मानव जीवन को बचाने के लिये जिस बहुमूल्य समय का सदुपयोग एनडीआरएफ के द्वारा किया जाना चाहियेए वह यातायात अवरूद्ध होने की स्थिति में प्रभावित हो जाता है, जिससे राहत का कार्य बाधित होना स्वाभाविक है। आपदा की परिस्थितियों में जनहानि को बचाने एवं त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के लिए एनडीआरएफ को आपदा ग्रस्त स्थल तक न्यूनतम समय में पहुँचने के लिये ग्रीन काॅरीडोर बनाये जाने के सिलसिले में आवश्यक निर्देश दिये हैं।
डीजीपी ने कहा कि ग्रीन काॅरीडोर बनाने में विभिन्न एजेन्सियों से समन्वय स्थापित करने के लिये अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात को पदेन नोडल अधिकारी नामित किया गया है। वे इस कार्य के लिये एकल बिन्दु सम्पर्क अधिकारी होंगे। आवश्यकता के अनुरूप एनडीआरएफ के सक्षम अधिकारी अपर पुलिस महानिदेशकए यातायात से ग्रीन कारीडोर बनाने के लिए अवगत करायेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि जिला स्तरीय नोडल अधिकारी के रुप में अपर पुलिस अधीक्षक यातायात एवं क्षेेत्राधिकारी यातायात नोडल अधिकारी होगेंए जो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में कार्य करेंगे। आपदा राहत कार्य के लिए लगाये गये निजी वाहनों एवं एम्बुलेन्सों को अनेक बार निजी वाहन रास्ता नहीं देते हैंए जिससे राहत पहुँचाने में विलम्ब हो जाता हैए जो बहुमूल्य मानव.जीवन को बचाने में घातक होता हैए अतः गैर.सरकारी संगठनोंए सिविल सोसाइटी आदि के सहयोग से विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलायेंगेए ताकि ऐसे अभियानों के दौरान रास्ता सुगम बनाने में सभी का अपेक्षित सहयोग मिल सके।
उन्होंने बताया कि आपातकालीन परिस्थितियों में आपदाग्रस्त स्थलों तक जा रहे वाहन ट्रैफिक में अवरूद्ध हो जाते हैं तथा यातायात कर्मियों की इस प्रकार के प्रकरणों में व्यावसायिक दक्षता उच्चकोटि की नहीं होने के कारण वे ऐसी परिस्थिति में ऐसे वाहनों के लिये निर्बाध मार्ग बना नहीं पाते। अतः ग्रीन.काॅरीडोर के सफल संचालन में यातायात कर्मचारियों को प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता हैए जिसके लिये एक माड्यूल यातायात निदेशालय के द्वारा तैयार किया जायेगा।
प्रवकता ने बताया की आपदा के समय राहत बल को न्यूनतम समय में ग्रीन कारीडोर से गंतव्य तक पहुँचाने के लिये रास्ते में पड़ने वाले थानों एवं ट्रैफिक पुलिस को आवश्यक दिशा.निर्देश देगा। उस समय सड़क जाम न होए इसके लिये प्रभावी वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। ग्रीन कारीडोर बनाये जाते समय कन्ट्रोल रूम विभिन्न बिन्दुओं पर काम करेगा।
उन्होंने बताया कि ग्रीन काॅरीडोर के दृष्टिगत ट्रैफिक सिग्नलों को आवश्यकतानुसार मैनुअली संचालित किया जायेगा।
आपदा राहत बल के वाहनों के आगे फ्लैशर लाईट लगाया जायेगा। ग्रीन काॅरीडोर के लिए निर्धारित मार्ग को पूर्णतया बाधारहित बनाये रखा जायेगा। कन्ट्रोल रूम में स्थापित सीसीटीवी की मानीटरिंग एवं वायरलेस आदि की सहायता से सुगम मार्ग व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी। इस काॅरीडोर में एक से अधिक जिले के सम्मिलित होने पर उच्चाधिकारियों को संज्ञानित करते हुये अन्तर्जनपदीय समन्वय स्थापित किया जायेगा।