आप को मिला करोड़ों का आयकर नोटिस, केजरीवाल ने कहा ‘बदले की राजनीति की पराकाष्ठा’
November 28, 2017
नई दिल्ली, आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी को 30 करोड़ रुपये टैक्स का नोटिस जारी किया है। साथ ही पार्टी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी शुरु की है। पार्टी पर टैक्स के साथ-साथ 300 प्रतिशत तक पेनाल्टी भी लग सकती है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप को कर से दी गई छूट को खत्म करने के आयकर विभाग के नोटिस को ‘बदले की राजनीति की पराकाष्ठा’ बताया.
आम आदमी पार्टी ने केंद्र पर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया. आप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दीपक बाजपेयी ने आयकर विभाग की कार्रवाई को ‘अभूतपूर्व’ करार देते हुए कहा कि पहली बार दस रुपये तक के चंदे को कर के दायरे में रखा गया है. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत के इतिहास में एक राजनीतिक दल के सभी चंदे को अवैध घोषित कर दिया गया है. इन सबका हिसाब-किताब है और खाते में दिखाया गया है. यह बदले की राजनीति की पराकाष्ठा है.’’
आयकर विभाग ने यह नोटिस 23 नवंबर को जारी किया है। विभाग अब चुनाव आयोग के पास रिपोर्ट भेजेगा ताकि आयोग इस मामले में जरूरी कार्रवाई कर सके। आप के चंदे में धांधली का यह मामला आकलन वर्ष 2015-16 (वित्त वर्ष 2014-15) से संबंधित है। आयकर विभाग के मुताबिक आम आदमी पार्टी को आकलन वर्ष 2015-16 में कुल 68.44 करोड़ रुपये चंदा मिला लेकिन पार्टी ने इसमें से 30.06 करोड़ रुपये न तो अपने बही-खाते व वेबसाइट पर दिखाए और न चुनाव आयोग को बताए। इसे कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए आयकर विभाग ने आप को मिले पूरे चंदे को पार्टी की आय मानते हुए उसे आयकर देने को कहा है।
दरअसल जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत दलों को 20,000 रुपये से अधिक राशि के चंदे का स्रोतवार ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होता है। आम आदमी पार्टी ने दो बार आयोग को चंदे की रिपोर्ट भेजी लेकिन पूरी रकम का खुलासा नहीं किया।
दरअसल पंजीकृत दलों को आयकर कानून की धारा 13ए के तहत आयकर से छूट प्राप्त है। लेकिन चुनाव आयोग के पास आय की पूरी जानकारी देना जरूरी है। वरना आयकर विभाग इस छूट को वापस ले सकता है। आम आदमी पार्टी ने इसी धारा का हवाला देते हुए आकलन वर्ष 2015-16 में अपनी आमदनी निल दिखाते हुए रिटर्न दाखिल किया।