नई दिल्ली, देश की प्रमुख आयुर्वेद उत्पाद कंपनी डाबर ने आयुर्मेधा स्कॉलरशिप की शुरुआत की है। कंपनी ने युवाओं के बीच आयुर्वेद की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए इस स्कॉलरशिप को लॉन्च किया है। इसके जरिए आयुर्वेद के क्षेत्र में युवा प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके जरिए कंपनी देश के टॉप 50 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देगी। कंपनी की ओर से हर कॉलेज से 3 प्रतिभाशाली छात्रों को इस स्कॉलरशिप के लिए चयनित किया जाएगा।
2012 में पहली बार शुरू की गई इस स्कॉलरशिप से अब तक 300 से ज्यादा छात्र लाभ उठा चुके हैं। इसे हर साल अधिक से अधिक कॉलेजों में विस्तार देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा डाबर ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को समकालीन बनाए रखने के उद्देश्य से देश के सफलतम आयुर्वेद चिकित्सकों को व्याख्यान के लिए भी आमंत्रित किया है। इन विशेषज्ञों की ओर से आयुर्वेद के चिकित्सकीय पक्षों पर व्याख्यान दिया जाएगा। डाबर इंडिया लिमिटेड के एथिकल्स हेड डॉ दुर्गा प्रसाद ने कहा, आयुर्मेधा स्कॉलरशिप का ऐलान करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है।
इस प्लेटफॉर्म के जरिए युवा पेशेवरों को आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने में मदद मिलेगी और वह इसकी अच्छाइयों का प्रसार करेंगे। पिछले ही दिनों कंपनी ने डाबर च्यवन वाटिका की घोषणा की थी। इस स्कीम के तहत बायो रिसोर्स वैज्ञानिकों, स्थानीय आदिवासियों और कुछ एनजीओ के साथ मिलकर भारत में दुर्लभ औषधीय पौधे लगाने के लिए ग्रीन हाउसेज को चिह्नित कर उन्हें स्थापित किया गया। इस पहले के जरिए दुर्लभ औषधीय पौधों को डाबर च्यवन वाटिका में विकसित किया जाता है और उन्हें देश के टॉप 50 मेडिकल कॉलेजों को दिया जाता है।