नयी दिल्ली, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने पिछले सात वर्षों के दौरान देश भर में विभिन्न रेलवे स्टेशन क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत विशेष अभियान के माध्यम से 84,119 बच्चों को खतरों से बचाया।
यह जानकारी रेल मंत्रालय की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में दी गयी है। इनमें अधिकतर बच्चे घर से भागे हुए, लापता , बेघर या मानसिक रूप से कमजोर थे।
विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2024 के पहले पांच महीनों में, आरपीएफ ने 4,607 बच्चों को बचाया है। जिसमे 3430 घर से भागे हुए बच्चों को बचाया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले सात वर्षों में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ‘नन्हे फरिश्ते’ नामक एक ऑपरेशन में अग्रणी रहा है। यह मिशन रेलवे के विभिन्न जोनों में पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है।
वर्ष 2018 में ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ की गहनता के साथ महत्वपूर्ण शुरुआत हुई और उस वर्ष, आरपीएफ ने कुल 17,112 पीड़ित बच्चों को बचाया, जिनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार बचाए गए 17,112 बच्चों में से 13,187 बच्चों की पहचान भागे हुए बच्चों के रूप में की गई, 2105 लापता पाए गए, 1091 बच्चे बिछड़े हुए, 400 बच्चे निराश्रित, 87 अपहृत, 78 मानसिक रूप से विक्षिप्त और 131 बेघर बच्चे पाए गए।
वर्ष 2019 में 15,932 बच्चों को बचाया गया जिनमें 12,708 भागे हुए, 1454 लापता, 1036 बिछड़े हुए, 350 निराश्रित, 56 अपहृत, 123 मानसिक रूप से विक्षिप्त और 171 बेघर बच्चों के रूप में पहचाने गए।
विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2020 कोविड महामारी के कारण चुनौतीपूर्ण था। उस दौरान चुनौतियों के बीच आरपीएफ ने 5,011 बच्चों को बचाने में कामयाब रही।
वर्ष 2021 के दौरान 11,907, 2022 में 17,756 बच्चों को तथा वर्ष 2023 में 11,794 बच्चों को बचाने में सफल मिली ।