Breaking News

इशरत जहाँ पर डेविड हेडली के बयान से किसे बचाया जा रहा है

ishrat 11216मुंबई की अदालत के सामने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से बयान देते हुए लश्करे तैयबा के सदस्य डेविड हेडली ने 2004 में गुजरात पुलिस की एक मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहाँ को लश्कर का सदस्य बताया है.इसके बाद इशरत जहाँ मामले में कई सवाल उठे हैं. 2004 में गुजरात पुलिस की एक मुठभेड़ में इशरत अपने तीन साथियों के साथ मारी गई थीं.

अब प्रश्न यह उठता है कि इशरत जहाँ की मौत पुलिस मुड़भेड़ में हुई थी या फिर पुलिस की ओर से की गई हत्या थी? सीबीआई के अनुसार, ये हत्या थी. सीबीआई ने 12 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ चार्जशीट भी दायर की है.इशरत जहाँ मामले में पहले भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह का भी नाम था जिन्हें कुछ महीने जेल में भी गुज़ारने पड़े थे.लेकिन बाद में उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा वापस ले लिया गया. तो क्या अन्य अभियुक्तों को भी राहत मिल सकती है

इशरत की माँ की तरफ़ से मुक़दमा लड़ने वाली वकील वृंदा ग्रोवर कहती हैं कि हेडली की गवाही बेमानी है.वृंदा ग्रोवर ने कहा कि हेडली के बयान को सबूत नहीं माना जा सकता. इशरत जहाँ को चरमपंथी कह कर आप उसकी हत्या की जांच बंद कराना चाहते हैं. देश का क़ानून इसकी इजाज़त नहीं देता.”

पहली बात यह है कि  केवल एक बयान से आप कुछ साबित नहीं कर सकते. मत भूलिए कि हेडली एक अभियुक्त है.हेडली के ख़िलाफ़ 2008 में मुंबई चरमपंथी हमलों की योजना बनाने का आरोप है. लेकिन अब वो मुंबई हमलों में कथित तौर पर शामिल एक भारतीय नागरिक अबु जुंदाल के ख़िलाफ़ सरकारी गवाह बन चुका है.अमेरिका में वो 35 साल की जेल की सजा काट रहा है. पिछले कुछ दिनों से वो जेल से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए मुंबई की एक अदालत में गवाही दे रहा है.

कानूनी प्रणाली के बाहर हेडली के बयान का राजनीति पर असर पड़ता ज़रूर दिखाई देता है.भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कांग्रेस से आतंक पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सोनिया गांधी माफ़ी मांगें.उन्होंने कहा, “हेडली के खुलासे के बाद कांग्रेस अब देश से माफ़ी मांगे, सोनिया जी माफ़ी मांगें. और वो नेता जो इशरत जहाँ को शहीद बता रहे थे, उन्हें देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *