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इशरत जहां प्रकरण पर भाजपा का हमला- मोदी को खत्म करना चाहती थी कांग्रेस

modi66नई दिल्ली,इशरत जहां प्रकरण पर भाजपा कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। भाजपा ने दावा किया है कि पार्टी इस बहाने नरेंद्र मोदी को ‘‘खत्म’’ कर देना चाहती थी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस योजना पर बड़ी सक्रियता से काम किया।
केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस, खास तौर से सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल को जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि चिदंबरम ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पार्टी को राजनीतिक तौर पर मोदी से लोहा लेना कहीं मुश्किल लगा.

उन्होंने कहा, ‘‘आपने आतंक की योजना इस तरह से बनाई जो उन्हें (मोदी को) खत्म कर सकती थी. आपने यह साफ तौर पर माना कि आप इससे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकते थे. इसलिए खत्म करो या खत्म करने की इजाजत दो या उस नेता के खात्मे को बढ़ावा दो, जिससे राजनीतिक तौर पर लड़ा नहीं जा सकता.’’

बीजेपी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हम :कांग्रेस: हरसंभव स्तर पर यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि वह किसी एक वर्ग के खिलाफ हैं, ऐसा दिखाया जाएगा जैसे उनके खिलाफ कोई आतंकी खतरा नहीं था.’’

उन्होंने कहा कि यह बहस सिर्फ चिदंबरम तक ही सीमित नहीं रही. ‘‘सोनिया गांधी ने इस पर सक्रियता से काम किया. यही वजह है कि वह उस शहर में गईं और कहा कि मुठभेड़ हुई है. हालांकि ऐसी कोई खुफिया सूचना नहीं थी कि कोई आतंकी साजिश थी.’’

सीतारमन ने कहा, ‘‘वह चुपचाप यह देखना चाहते थे कि आतंकी साजिश एक राजनीतिक विरोधी का खात्मा करने के स्तर तक बढ़ जाए. सबसे गंभीर चिंता की बात यह है कि देश के गुप्तचर और प्रति गुप्तचर तंत्र को किस तरह से कमजोर किया गया’’

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने भी कांग्रेस और चिदंबरम पर निशाना साधा और कहा कि वह अकेले इस तरह के राष्ट्र विरोधी कृत्य को अंजाम नहीं दे सकते थे.गृह राज्‍यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “चिदंबरम ने अपना फ़र्ज़ अदा नहीं किया। अपनी पोजीशन का दुरुपयोग किया। इशरत की सूचनाओं को उन्होंने नज़रअंदाज़ किया। अब वो रंगे हाथ पकड़े गए हैं, बच नहीं सकते।” पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम पर मौजूदा गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू का हमला यहीं नहीं रुका। उन्होंने चिदंबरम को सीधे-सीधे देशद्रोही करार दिया।

रिजीजू का आरोप है कि ‘चिदंबरम की वजह से आईबी और सीबीआई में टकराव हुआ। हमारी जांच एजेंसियों का हौसला इसकी वजह से टूटा। चिदंबरम पर ज़रूर कोई राजनीतिक दबाव रहा होगा। इसकी वजह से इशरत का मामला पेचीदा हो गया।’

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