नई दिल्ली, ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की जा सकती है। ईवीएम फूलप्रूफ हैं और गड़बड़ी के सारे आरोप बेबुनियाद हैं। निर्वाचन आयोग ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीनों में वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। हालांकि निर्वाचन आयोग ने इस पर कुछ नहीं कहा कि इस साल दिसंबर में होनेवाले गुजरात विधानसभा चुनाव में वीवीपैट के साथ ईवीएम का इस्तेमाल होगा या नहीं।
पिछले 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को ईवीएम मशीनों की गड़बड़ी को लेकर दो हफ्ते में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने बहुजन समाज पार्टी और दूसरों द्वारा दायर याचिकाओं को भी अपने बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया। वकील मनोहरलाल शर्मा ने याचिका दायर कर मांग की है कि ईवीएम में कई गड़बड़ियां हैं। इनसे निष्पक्ष परिणाम नहीं आ सकते हैं।
बहुजन समाज पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही वीवीपैट इंस्टॉल करने का आदेश दिया था लेकिन उसके बावजूद केंद्र सरकार निर्वाचन आयोग को पेपर ट्रेल वाले ईवीएम के लिए फंड नहीं देती है। याचिका में चुनाव में ईवीएम का प्रयोग करने के जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 61(1) के तहत दिये गये प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।
कहा गया है कि ईवीएम से चुनाव में मतदाताओं के अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का हनन होता है। मतदाता को यह नहीं पता चलता कि वह किसको मत दे रहा है। इससे अनुच्छेद 324 में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का भी उल्लंघन होता है।