देहरादून 07 जनवरी ;वार्ताद्ध उत्तराखण्ड की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बहुजन समाज पाटी; बसपाद्ध नौ जनवरी को अपने 55 प्रत्याशियों के नामों की घोषण करेगी।
विधानसभा चुनाव के बिगुल बजे तीन दिन बीत चुके लेकिन प्रमुख पार्टियां अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर सकी हैं। राजनीतिक गलियारे से लेकर आम जनता के बीच उम्मीदवारों को लेकर कयासबाजी का दौर चल रहा है। बसपा सभी सीटों पर लगभग अपने प्रत्याशी तय कर चुकी है जबकि भारतीय जनता पार्टी; भाजपाद्ध और कांग्रेस अभी भी प्रत्याशी के नाम को लेकर विचार.विमर्श कर रही है।
उत्तराखण्ड की सियासत में अभी तक बसपा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसकों लेकर विरोधी पार्टियां भी चैकन्नी है।
वर्ष 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में बसपा ने कुल सात सीटों पर जीत हासिल की तो अगले विधानसभा चुनाव 2007 में उसके निर्वाचित विधायकों का आंकड़ा आठ तक जा पहुंचा। लेकिन बाद में बसपा का ग्राफ गिरता गया और साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा केवल हरिद्वार जिले के तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई।
परन्तु बसपा के उत्तराखण्ड में फैेले जनाधर केा लेकर सियासी दलों की निगाह उस पर टिकी हुई है। यदि बसपा कोई उलट फेर करती है तो कांग्रेस और भाजपा के सियासत पर सीधा असर होगा। अभी तक प्रदेश के 20 सीटों पर बसपा खुद की मजबूती का दावा करती रही है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले की विधानसभा सीटों पर उसकी पकड़ अच्छी रही है। बसपा 2017 के चुनाव में इन्हीं सीटों पर अधिक ध्यान दे रही है।