नयी दिल्ली, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू आज ग्वाटेमाला, पनामा और पेरू की सात दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए जहां इन मध्य एवं दक्षिणी अमेरिकी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों एवं आपसी हितों से जुड़े विषयों पर व्यापक चर्चा होगी। उपराष्ट्रपति की इन मध्य और दक्षिणी अमेरिकी देशों की यात्रा 6 से 12 मई तक है।
विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले उपराष्ट्रपति सचिवालय ने वेंकैया नायडू के हवाले से कहा, ‘‘ मैं अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर ग्वाटेमाला, पनामा और पेरू जा रहा हूं जहां इन लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया जायेगा। वेंकैया नायडू ने कहा कि वे इन तीनों देशों के नेताओं के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। वे इन देशों में सांसदों, विश्वविद्यालय के छात्रों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस यात्रा के दौरान राजनीतिक संवाद, बहुस्तरीय विषयों, कारोबार एवं वाणिज्य, निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी, पारंपरिक औषधि, अंतरिक्ष, रक्षा एवं संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। उपराष्ट्रपति की ग्वाटेमाला, पनामा और पेरू यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय की एक अधिकारी ने बताया था कि उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू की यह पहली विदेश यात्रा है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को कितना महत्व देता है।
तीन देशों की यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति सबसे पहले छह मई को ग्वाटेमाला पहुंच रहे हैं जहां वे वहां के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं अन्य लोगों से आपसी हितों समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। ग्वाटेमाला का वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और भारत इस क्षेत्र में ग्वाटेमाला के अनुभव का लाभ उठा सकता है।
नायडू सात मई को पनामा जायेंगे जहां वे दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के बारे में वहां के नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे। पनामा और भारत के बीच संबंध 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है। उपराष्ट्रपति की यात्रा के दौरान शिपिंग, वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्र में लाजिस्टिक से जुड़े विषयों पर सहयोग के बारे में चर्चा होगी ।
पनामा में उपराष्ट्रपति का पनामा विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। तीन देशों की यात्रा के क्रम में उपराष्ट्रपति अंत में पेरू जायेंगे। पेरू में करीब एक महीने पहले ही नई सरकार सत्ता में आई है। नायडू की पेरू यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और पेरू के राजनयिक संबंधों के 55 साल पूरे हो रहे हैं।