नई दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई और उद्योगपति कलानिधि मारन और अन्य से सीबीआई की याचिका पर जवाब मांगा है। सीबीआई ने एयरसेल-मैक्सिस रिश्वत मामले में उन्हें बरी किये जाने को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति आई.एस. मेहता ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो की याचिका पर यह नोटिस जारी किया है।
सीबीआई ने दो फरवरी के विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुये याचिका दायर की है जिसमें सभी आरोपियों को मामले में बरी कर दिया गया। उच्च न्यायालय ने मारन बंधुओं से याचिका पर जवाब देने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त तय कर दी है।
विशेष अदालत ने सभी अभियुक्तों को मामले में बरी करते हुये कहा कि उसके समक्ष पेश सबूतों के आधार पर पहली नजर में आरोप तय किये जाने का कोई मामला नहीं बनता है। इससे पहले उच्च न्यायालय ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर याचिका पर भी मारन बंधुओं और अन्य से जवाब मांगा था। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मारन बंधुओं और अन्य को मनी लांड्रिंग मामले में बरी किये जाने के फैसले को चुनौती दी है।