नई दिल्ली, उद्योग संगठन एसोचैम ने सरकार से मांग की है कि 500 रुपये और एक हजार रूपए के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद नकदी निकालने की मौजूदा सीमा के कारण आम लोगों और अर्थव्यवस्था पर तत्काल बुरा प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए इस सीमा में इजाफा किया जाना चाहिए। एसोचैम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एटीएम से रोजाना निकासी की सीमा मौजूदा 2,500 रूपए अधिकतम से बढ़ाकर 5,000 रूपए की जानी चाहिए। साथ ही चालू खातों से निकासी की सीमा हर महीने पिछले साल के उसी महीने की तुलना में एक प्रतिशत ज्यादा करने की मांग की गई है।
अभी यह सीमा 50,000 रूपए प्रति सप्ताह है। नोटबंदी की घोषणा करते हुए आठ नवंबर की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में लोगों से 50 दिन मांगे थे तथा कहा था उसके बाद स्थिति ठीक हो जाएगी। बैंकों में पुराने नोट जमा कराने की सीमा आज समाप्त हो रही है। शनिवार से ये नोट सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में ही जमा कराए जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री के 31 दिसंबर को फिर राष्ट्र को संबोधित करने की खबर है। इसके मद्देनजर नकदी निकासी की सीमा बढ़ाने की मांग की है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि चालू खातों पर ओवरड्राफ्ट की सीमा भी बढ़ायी जानी चाहिए ताकि नकदी संकट के बावजूद कारोबार का नुकसान न हो। उसने विदेशी पर्यटकों के लिए विदेशी मुद्रा को रुपये में बदलने की मौजूदा पांच हजार रूपए प्रति सप्ताह की सीमा को कम बताते हुए कहा है कि सरकार को इसमें भी इजाफा करना चाहिए। विशेषकर इलाज के लिए भारत आए विदेशी पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।