भुवनेश्वर, ओडिशा में झुलसाने वाली गर्मी और उमस के बीच लोकसभा की छह और विधानसभा की 42 सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया और शाम छह बजे तक चलेगा।
मतदाता झुलसाने वाली गर्मी से बचने क लिए निर्धारित समय सुबह सात बजे से काफी पहले ही मतदान केंद्रों पर कतारों में खड़े नजर आये।
आज अनुमानित 94.41 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 48,26,375 पुरुष, 46,14,134 महिला और 956 उभयलिंगी मतदाता शामिल हैं। लोस की छह सीटों पर 64 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि विस के 42 सीटों पर 383 उम्मीदवार चुनावी समर में उतरे हैं। राज्य में 10,551 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हो रही है।
लोक सभा की जिन छह सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें भुवनेश्वर, कटक, पुरी, ढेंकनाल (सभी तटीय क्षेत्र में), संबलपुर (पश्चिमी ओडिशा) और क्योंझर (उत्तरी ओडिशा) शामिल हैं। साथ ही इन संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली विस की 42 सीटें भी वोटिंग हो रही है।
कुल मतदान केंद्रों में से कम से कम 20 प्रतिशत को संवेदनशील घोषित किया गया है। वहीं 2,000 बूथों को मॉडल बूथ के रूप में नामित किया गया है, जबकि 1,500 बूथों का प्रबंधन विशेष रूप से महिला कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। चुनावी समर में जिन दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला होगा, उनमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा, भुवनेश्वर से मौजूदा सांसद एवं भाजपा प्रवक्ता अपराजिता सारंगी, छह बार के सांसद भर्तृहरि महताब , बीजद के संगठनात्मक सचिव प्रणब प्रकाश दास, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक, सत्तारूढ़ बीजद से आदित्य बिड़ला समूह के कॉर्पोरेट मामलों के पूर्व निदेशक संतृप्त मिश्रा और कांग्रेस से ओडिशा छात्र कांग्रेस के अध्यक्ष सैयद याशिर नवाज शामिल हैं।
इसी तरह विस चुनाव में आज जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज तय होगा उनमें बीजद के पूर्व मंत्री देबी प्रसाद मिश्रा और प्रसन्ना आचार्य, अशोक चंद्र पांडा और रणेंद्र प्रताप स्वैन शामिल हैं। इसके साथ ही ओडिशा विस में विपक्ष के नेता जय नारायण मिश्रा (भाजपा), ओडिशा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जयदेब जेना, पत्रकार से नेता बने सौम्यरंजन पटनायक, ट्रेड यूनियन के प्रमुख नेता सनातन महाकुड और पूर्व मुख्यमंत्री जे.बी. पटनायक के पुत्र पृथ्वी बल्लव पटनायक की किस्मत भी आज ईवीएम में कैद हो जाएगी।
चुनाव को शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष संपन्न करने के लिए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 121 कंपनियों, ओडिशा सशस्त्र पुलिस बलों की 106 प्लाटून, 19,865 नागरिक पुलिस बल और 10,212 कांस्टेबल और 7,117 होम गार्ड सहित 35,000 सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण सारंगी ने कहा कि 84 पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुरक्षा बलों के साथ कानून और व्यवस्था की निगरानी करेंगे। सभी संवेदनशील बूथों पर सीएपीएफ को तैनात किया गया है।
चुनाव में 763 मोबाइल पार्टियां तैनात की गई हैं, जबकि 17 अंतरराज्यीय सीमा चौकियों और 116 अंतर्राज्यीय सीमा चौकियों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। इसके अलावा डीजीपी ने कहा कि 116 फ्लाइंग स्क्वाड टीमें और 331 स्टेटिक सर्विलांस टीमें भी तैनात की गई हैं और 25 स्थानों पर ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम स्थापित किए जा रहे हैं, जो चौबीसों घंटे दो स्तरीय सुरक्षा प्रणाली में सीएपीएफ और एसएपी द्वारा संरक्षित हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक कुल मतदाताओं में से 2.5 प्रतिशत नए मतदाता हैं, जबकि 21 प्रतिशत 20 से 29 साल के मतदाता हैं। ओडिशा इलेक्शन वॉच और एडीआर द्वारा किए गए एक संयुक्त सर्वेक्षण से पता चला है कि 154 करोड़पति उम्मीदवार है, जिनमें से 28 छह लोकसभा सीटों से हैं और 114 उम्मीदवारों अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की घोषणा की है। वर्ष 2019 के चुनावों में लोस की इन छह लोकसभा सीटों में से सत्तारूढ़ बीजद ने चार पर कब्जा कर लिया था, जबकि दो सीटें भाजपा ने जीती थी। वहीं, विस की 42 सीटों में से सत्तारूढ़ बीजद ने 34 सीटें जीतीं, भाजपा ने छह और कांग्रेस ने दो विधानसभा सीटों पर कब्जा किया था।