मुंबई, अमेरिका में ब्याज दर समायोजन को लेकर कायम अनिश्चितता से विश्व बाजार में आई गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर आईटी और टेक समूह के करीब आधी फीसदी तक टूटने से आज शेयर बाजार का रुख कमजोर रहा।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 20.59 अंक की मामूली बढ़त के साथ 74,248.22 अंक पर रहा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी गिरावट के साथ 22,513.70 अंक पर सपाट बंद हुआ। हालांकि बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में हुई लिवाली ने बाजार को संभाला। इस दौरान मिडकैप 0.50 प्रतिशत की तेजी के साथ 40,830.54 अंक और स्मॉलकैप 0.50 प्रतिशत मजबूत होकर 46,032.71 अंक के सार्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।
इस दौरान बीएसई में कुल 3948 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2424 में लिवाली जबकि 1424 में बिकवाली हुई वहीं 100 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह निफ्टी की 20 कंपनियों में तेजी जबकि शेष 28 में गिरावट रही।
विश्लेषकों के अनुसार, कुछ प्रतिकूल परिस्थितियां सामने आई हैं, जो शेयर बाजार को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं। पहली ईरान और इजराइल के बीच झड़प और दूसरी चिंता यह है कि अमेरिकी केंद्रीय बैक फेडरल रिजर्व से अपेक्षित दर में कटौती तीन से कम हो सकती है और पहली कटौती अक्टूबर में ही संभव हो सकती है। अमेरिका में आज जारी होने वाले रोजगार आंकड़ों का नीतिगत दरों के निर्धारण पर असर रहेगा।
मध्य-पश्चिम की झड़पों ने ब्रेंट क्रूड को 91 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ा दिया है। यदि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रही तो यह भारत के लिए व्यापक प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
इससे बीएसई के नौ समूहों पर बिकवाली का दबाव रहा। इनमें कमोडिटीज 0.10, ऊर्जा 0.02, आईटी 0.44, ऑटो 0.17, कैपिटल गुड्स 0.22, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 0.05, धातु 0.11, तेल एवं गैस 0.15 और टेक समूह के शेयरों में 0.51 प्रतिशत की गिरावट शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के शेयरों में भी गिरावट का रुख रहा। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.94, जर्मनी का डैक्स 1.60, जापान का निक्केई 1.96, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.01, हांगकांग का हैंगसेंग 0.01 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.18 प्रतिशत लुढ़क गया।