पटना, बिहार लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के टिकट पर चार प्रत्याशी पहली बार अपनी किस्मत आजमायेंगे।
इस बार के चुनाव में कांग्रेस को इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) में सीटों में तालमेल के तहत नौ सीट किशनगंज,कटिहार, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर (सु), सासाराम (सु),पटना साहिब, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और महाराजगंज मिली है। इनमें से चार सीट पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर (सु), पटना साहिब और भागलपुर संसदीय सीट के कांग्रेस के प्रत्याशी पहली बार लोकसभा के रण में अपना भाग्य आजमायेंगे।
पश्चिमी चंपारण सीट से बेतिया के पूर्व विधायक मदन मोहन तिवारी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। श्री तिवारी पहली बार वर्ष 2015 में कांग्रेस के टिकट पर बेतिया के विधायक निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रेणु देवी को पराजित किया था।इससे पूर्व उन्होंने वर्ष 2010 में कांग्रेस के टिकट पर बेतिया सीट से चुनाव लड़ा, जहां उन्हें (भाजपा) की रेणु देवी से हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2020 के बेतिया विधानसभा चुनाव में श्री तिवारी को (भाजपा) प्रत्याशी रेणु देवी(पूर्व उप मुख्य मंत्री) से हार का सामना करना पड़ा था।
समस्तीपुर (सु) से समाजवाद के पुरोधा पूर्व विधायक-सासंद रामसेवक हजारी पौत्र और पूर्व सांसद महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। महेश्वर हजारी , पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के चचेरे भाई हैं।पटनाहिब सीट से पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के नाती और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष- पूर्व सांसद मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजीत पहली बार लोकसभा के रण में अपनी तकदीर आजमां रहे हैं।
भागलपुर संसदीय सीट से भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा पहली बार लोकसभा की चुनावी रणभूमि में उतर रहे है। अजीत शर्मा ने 2014 में हुये उपचुनाव, 2015 और 2020 में हुये बिहार विधानसभा चुनाव में भागलपुर से जीत हासिल की है। वह कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे हैं।